अपनी आईवीएफ सफलता दर कैसे बढ़ायें: बेबी जॉय आईवीएफ दिल्ली से युक्तियां
निसंतानता से जुझ रहे कपल्स के लिए आईवीएफ उपचार पहली पसंद बनी हुई है, लेकिन आईवीएफ उपचार में सफलता लोगों के लिए चिंता का विषय है। क्योंकि आईवीएफ उपचार के बाद सबसे बड़ा मुद्दा सफलता होती है। पहले सफलता दर को समझते हैं, अगर आप 30 से 34 की उम्र में दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र(Best IVF center in Delhi) से उपचार करवाते हैं तो सफल होने का चांस काफी ज्यादा होता है, लेकिन जैसे ही आप 35 से 37 की उम्र में आईवीएफ की मदद से मातृत्व को प्राप्त करना चाहती हैं तो सफलता के लिए आपको कुछ कारकों पर ध्यान देना होगा। और अगर आपने 40 की उम्र मां बनने के बारे में सोचा है तो इस वक्त पर सफलता दर मात्र 5-6% ही होती है।
ऐसे में “अपनी आईवीएफ सफलता दर कैसे बढ़ायें: बेबी जॉय आईवीएफ दिल्ली से युक्तियां” सवाल उठना लाजमी है, क्योंकि आईवीएफ उपचार एक जटील इलाज है और बढ़े हुए उम्र में मातृत्व को प्राप्त करना खुद में एक परीक्षा है। एक मरीज के तौर पर आपको एक बात समझना होगा कि अगर आप आईवीएफ इलाज के लिए तैयार हैं तो आपको मानसिक रूप से हमेशा मजबूत रहना है, ताकी इलाज इन चीजों से प्रभावित न हो। कई बार आपको आईवीएफ के पहले चक्र में आप गर्भधारण करने में सफल नहीं हो पाती हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसा पाया गया है कि आईवीएफ उपचार में सबसे ज्यादा सफलता दूसरी या तीसरी चक्र में मिलती है।
सरल शब्दों में कहें तो आईवीएफ की सफलता दर सुधारने के लिए आपको आईवीएफ सफलता किस बात पर निर्भर करता है, यह समझना होगा। उम्र और आईवीएफ चक्र दोनों ही उपचार में काफी अहम होता है, इसके अलावा कुछ कारक ऐसे हैं जो आपके सफलता को प्रभावित कर सकते हैं। कारक जैसे – अत्यधिक वजन, शराब और कैफीन का सेवन, धूम्रपान और तनावपूर्ण रहना।
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चलिए जानते हैं अपनी आईवीएफ सफलता दर कैसे बढ़ायें: बेबी जॉय आईवीएफ दिल्ली से युक्तियां।
सफलता दर को बढ़ाने के लिए आपको दो तरह से काम करना होगा, एक उन कारकों को ध्यान में रखना है जिसका आपको पालन करना होगा। और दूसरे कारक वो हैं जिनसे आपको इलाज के दौरान और इलाज के बाद भी काफी हद तक दूरी बनाकर रखनी है। इन बातों का पालन करने से आप प्राकृतिक रूप से सफलता दर को बढ़ाने में कामयाब होगें, और आपके संतानप्राप्ती का सपना भी पूरा होगा।
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करने योग्य कारक (Doable Factors)
पौष्टीक आहार का सेवन(Consume nutritious food) – आज के दौर में लोगों के पहली पसंद फास्ट फुड बनी हुई है, और हम सब जानते हैं कि इस तरह के खाने के सेवन हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, हमे बीमार बनाता है और साथ में हमारे प्रजनन क्षमता पर भी असर डालता है। ऐसे में आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आईवीएफ इलाज के दौरान और बाद में भी पौष्टीक आहार के सेवन करें। जिससे आपके शरीर को प्रचुर मात्रा में विटामिन, प्रोटीन और खनिज जैसे पोषक तत्व मिलें, और यह पोषक तत्व आपके साथ-साथ होने वाले बच्चे के लिए जरूरी होता है।
घर के नजदीक आईवीएफ केंद्र को चुनें(Choose an IVF center near your home) – आईवीएफ इलाज के दौरान और बाद में भी आपको कई बार क्लिनिक आना पड़ता है। आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप उसी क्लिनिक को चुनें जो आपके घर से नजदीक हो ताकी यात्रा करने में आपको ज्यादा परेशानी न हो, और छोटी-छोटी यात्रा से आपके इलाज पर भी कोई असर नहीं होगा।
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आईवीएफ इलाज से पहले आपको कई अलग-अलग प्रक्रिया और परीक्षण से होकर गुजरना पड़ता है। जिसमें काफी समय लगता है और ऐसे में अगर आपका क्लिनिक घर से दूर होगा तो ट्रैवल में समय और एनर्जी दोनों खर्च होता है। जो आपके गर्भधारण पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
अनुभवी डॉक्टर से संपर्क(Contact an experienced doctor) – इलाज की सफलता काफी हद तक आपके डॉक्टर पर भी निर्भर करता है, क्योंकि भ्रूणविज्ञानी इलाज से पहले अंडों और शुक्राणु को लेकर परीक्षण करते हैं ताकी लैब में सही भ्रूण को तैयार किया जाए। अनुभवी डॉक्टर से संपर्क का मतलब होता है कि आपके सभी दिक्कत के बारे में जानता है और आपको उसके बारे में सही सलाह प्रदान करेगा। इसके साथ ही गर्भधारण करने के बाद बदलते लक्षणों को लेकर भी आपको बताता है और उपचार की सलाह देता है।
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आधुनिक उपकरण(Modern equipment) – आईवीएफ उपचार में समय के साथ कई तरह के नए उपकरण का इजात किया गया है। जिससे इलाज करना, पहले से बेहतर और भी ज्यादा सटीक हो जाता है। आधुनिक उपकरण का इस्तेमाल उपचार में आपके लिए मददगार साबित होता है।
प्रजनन उपचार विकल्प(Fertility Treatment Options) – निसंतानता के कई मामलों के लिए आईवीएफ इलाज की जगह किसी और इलाज को तवज्जो दी जाती है, इसे आप एक अलग मेडिकल कंडीशन की तरह समझ सकते हैं जिसमें आईवीएफ के स्थान पर आईयूआई या पीआईसीएससी जैसे इलाज विकल्पों का इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी क्लिनिक के पास प्रजनन उपचार विकल्प होने का मतलब होता है कि निसंतानता के विभिन्न मामलों में भी उपचार को मुमकिन बनाना, जो अंत में आपको सफलता दर को बेहतर करने का काम करेगा।
रोजाना व्यायाम(Daily Exercise) – आईवीएफ इलाज के दौरान और गर्भावस्था के दौरान आपको हल्का व्यायाम करना होता है ताकी आप हमेशा सक्रिय रहते हैं। इस बात की सलाह आपको डॉक्टर भी देगा कि इलाज के दौरान आपको व्यायाम को प्राथमिकता देना होगा। रोजाना व्यायाम आपको शारीरीक और मानसिक तौर पर मजबूत बनाता है, और यह आपके बच्चे के लिए भी मददगार साबित होता है।
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टालने योग्य कारक (Avoidable factors)
अत्यधिक वजन का होना(Being overweight) – आईवीएफ इलाज को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक है अत्यधिक वजन का होना। एक बार के लिए सोचिए कि अगर आप 35 की उम्र में मां बनने की चाहत रखती हैं, और आपका वजन अत्यधिक है तो आपके लिए चुनौति दोगुनी हो जाती है।
शराब और कैफिन का सेवन(Consumption of alcohol and caffeine) – शराब और कैफिन का सेवन आज के लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है, लेकिन हमें यह समझना होगा कि कहीं न कहीं यह हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
धूम्रपान(Smoking) – धूम्रपान का सेवन करना हमें शारीरीक तौर पर काफी प्रभावित करता है, और इसका सेवन पुरूषों के शुक्राणु गुणवत्ता और संख्या पर असर डालता है। सरल शब्दों में कहें तो धूम्रपान के अत्यधिक सेवन हमारे प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, और साथ में हमारे शरीर को रोगों का घर बना देता है।
अगर इनफर्टिलिटी की समस्या का इलाज करवाना चाहती हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए उचित रहने वाला है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आईवीएफ सफलता दर को बढ़ाने के लिए आपको कुछ कारकों पर ध्यान देना और कुछ कारकों को नजरअंदाज करना होगा। जिसके बाद ही इलाज में सफलता मिलने का चांस बढ़ जाता है, और आपके संतानप्राप्ती की चाहत भी पूरी हो जाती है। आईवीएफ इलाज में सफलता आपके डॉक्टर और क्लिनिक के साथ-साथ आप पर भी काफी हद तक निर्भर करता है।
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ऐसे में आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप पौष्टीक आहार का सेवन करें, बदलते लक्षण को लेकर अपने डॉक्टर से संपर्क करें, खुद का ख्याल रखें और रोजाना व्यायाम करें। इस तरह से आप घरेलु उपाय करके सफलता के मौके को बढ़ा सकती हैं। अगर आप भी इनफर्टिलिटी की वजह से मां नहीं बन पा रही हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र(Best IVF center in Delhi) में इलाज आपके लिए उचित होगा।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1. मैं आईवीएफ के साथ अपनी सफलता की संभावना कैसे बढ़ा सकता हूं??
उत्तर- इसके लिए आपको कुछ कारकों पर काम करना होगा। जैसे – पौष्टीक आहार का सेवन, कैफीन का सेवन सीमित करें, वजन नियंत्रण और नियमित व्यायाम के साथ में धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
प्र.2. पहले प्रयास में आईवीएफ की सफलता दर क्या है?
उत्तर- 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं को सबसे अधिक सफलता मिलती है, लेकिन 35 से 37 वर्ष की आयु के बीच भी सफलता की दर 40.5% है। 38 से 40 वर्ष की आयु वाली महिलाओं की सफलता दर कम 26% है।
प्र.3. ज्यादातर आईवीएफ कब फेल होते हैं?
उत्तर- आईवीएफ के फेल होने का मतलब है कि जब भ्रूण को गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है ताकी भ्रूण गर्भाशय के दीवार में प्रत्यारोपित हो जाए लेकिन ऐसा न होने पर आईवीएफ फेल हो जाता है।
प्र.4. आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण कब शुरू होते हैं?
उत्तर – आमतौर पर, आपको गर्भावस्था से जुड़े लक्षण को पूरी तरह से सामने आने में 1 से 4 सप्ताह का समय लगता है। लेकिन कुछ लक्षण आपको पहले दो सप्ताह के दौरान देखने के लिए मिला जाएगा।
प्र.5 सफल आरोपण के लक्षण क्या हैं?
उत्तर – कुछ महिलाओं को संकेत और लक्षण के बिना ही प्रत्यारोपण हो जाता है। बात करें संकेतों कि तो हल्का रक्तस्राव, ऐंठन, मतली, सूजन, स्तनों में दर्द, सिरदर्द और मूड में बदलाव जैसे लक्षण देखने के लिए मिलता है।