
आई.वि.एफ के बाद क्या खाना चाहिए?, बढ़ जाएगी प्रेगनेंसी सम्भावना, IVF Diet Chart in Hindi
आप जो खाते हैं वह आपके स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है, खासकर आईवीएफ उपचार के दौरान। इसलिए यदि आप आईवीएफ उपचार से गुजर रहे हैं तो अपने आईवीएफ विशेषज्ञ से बात करना और उचित आहार योजना बनाना महत्वपूर्ण है।
दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में आईवीएफ डॉक्टर आईवीएफ उपचार के लिए आहार योजना तैयार (IVF Diet plan) करने में आपकी मदद कर सकते हैं। हमारे डॉक्टर से परामर्श करने के लिए आप 88-0000-1978 पर कॉल कर सकते हैं।
स्वस्थ संतुलित आहार की सूची कैसे तैयार करें
हर किसी का शरीर अलग प्रकार का होता है इसलिए सभी मरीज़ों का आहार सूचि अलग अलग हो सकता हैं। अतः आपको दिल्ली के सबसे अच्छे आईवीएफ केंद्र (IVF centre in Delhi) से संपर्क करना चाहिए क्योंकि यहाँ आपको आईवीएफ के लिए अनुकूलित आहार योजना बनाने में मदद मिलेगी।
आई.वी.एफ उपचार के दौरान खाने के लिए खाद्य पदार्थ (IVF treatment main kya khana chaiye)
- हरे पत्ते वाली सब्जियां:- आपकी सूचि में हरी पत्तेदार सब्जियां सबसे ऊपर होनी चाहिए हैं क्योंकि ये फर्टिलिटी बढ़ाने वाले फूड होते हैं। चूंकि हरी पत्तेदार सब्जियां एंटीऑक्सिडेंट, फोलिक एसिड और आयरन से भरपूर होते हैं, इसलिए इन्हें आपके दैनिक भोजन का हिस्सा होना चाहिए।
- पत्ता गोभी:- आवश्यक विटामिन और खनिजों से भरपूर, गोभी में मौजूद डी-इंडोल मीथेन एस्ट्रोजेन मेटाबोलिज्म को विनियमित करने में मदद करता है।
- ब्रॉकली:- ब्रोकली विटामिन सी से भरपूर होने के कारण यह अंडे को परिपक्व करने में मदद करती है। इसके साथ ही भरपूर आयरन मात्रा, एंटी-ऑक्सीडेंट और फोलिक एसिड आपके शरीर और भ्रूण के समुचित विकास में मदद करता है।
- आलू:- आलू शरीर में कोशिका विभाजन को बढ़ाने में मदद करता है। आलू के नियमित सेवन से आपके शरीर को बी और ई जैसे जरूरी विटामिन मिलते हैं।
- केला:- विटामिन बी6 से भरपूर यह सुपरफूड मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में मदद करता है। आप इस फल को एक स्वस्थ नाश्ते के विकल्प के रूप में मान सकते हैं क्योंकि यह आपको बहुमुखी विकल्प प्रदान करता है।
- अनन्नास:- अनानास में मैंगनीज की अच्छी मात्रा होती है। मैंगनीज को प्रजनन खनिज के रूप में जाना जाता है और इसलिए यह प्रजनन हार्मोन को बढ़ावा देने में मदद करता है।
- सैमन:- ओमेगा -3 फैटी एसिड की समृद्ध सामग्री इस भोजन को एक आवश्यक सेवन बनाती है क्योंकि यह एस्ट्रोजेन संतुलन में मदद कर सकता है और रक्त प्रवाह को भी बढ़ा सकता है। लेकिन याद रहें की इसको ठीक से पकाना चाहिए।
- कॉम्प्लेक्स कार्ब्स:- ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने के लिए कॉम्प्लेक्स कार्ब्स बहुत अच्छे होते हैं। यह आपको स्वस्थ वजन बनाए रखने में भी मदद करेगा।
- रंगीन फल और सब्जियां:-फलों और सब्जियों में रंगों का अपना महत्व होता है। यह आवश्यक पोषक तत्वों से भरे हुए होते हैं अतः आपको इसे अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए।
कुछ पोषक तत्व ऐसे होते हैं जिन्हें अपने आहार में शामिल करना चाहिए
- फोलिक एसिड:- यह बच्चे के सामान्य मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है। इसकी कमी से बच्चे में न्यूरल ट्यूब जन्म दोष हो सकता है। इसलिए आईवीएफ उपचार के दौरान आपको पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड का सेवन करना चाहिए। गर्भधारण से कम से कम 3 महीने पहले से फोलिक एसिड की खुराक 400 एमसीजी रोजाना शुरू करनी चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स, चावल, फलियां, शतावरी, अंडे और खट्टे फल फोलिक एसिड के समृद्ध स्रोत हैं।
- आयरन:- हमारे शरीर में लोहे का मुख्य कार्य हीमोग्लोबिन का संश्लेषण है, जो प्रजनन प्रणाली सहित शरीर के प्रत्येक ऊतक के पर्याप्त ऑक्सीजनेशन और उचित कार्य के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से खून की कमी हो जाती है। महिलाओं में विशेष रूप से आयरन की कमी होने का खतरा होता है क्योंकि मासिक धर्म के दौरान हर महीने उनका खून बहता है। कद्दू के बीज, पालक, चुकंदर, गाजर, गुड़ आदि आयरन के समृद्ध स्रोत हैं।
- स्वस्थ वसा:- वसा शरीर में ऊर्जा भंडारण के रूप में काम करता है जो आपकी ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लंबी आईवीएफ यात्रा में मदद करता है। स्वस्थ वसा के स्रोतों में मछली, अखरोट, जैतून का तेल, चिया के बीज और अलसी का तेल शामिल हैं। महिलाओं को कुकीज, केक, फ्रोजन पाई, स्नैक्स, फास्ट फूड और अन्य पके हुए सामान से बचना चाहिए। ये सभी ट्रांस फैट से भरपूर होते हैं जो गर्भावस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
- प्रोटीन युक्त भोजन:- प्रोटीन शरीर के निर्माण खंड हैं, जो विकास और प्रजनन कार्य के लिए आवश्यक हैं। किसी व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि के आधार पर प्रोटीन की दैनिक आवश्यकता 1-2 ग्राम प्रति किलोग्राम शरीर का वजन है। गर्भावस्था के लिए अच्छे प्रोटीन स्रोतों में मछली, बीन्स, टोफू, पनीर, दूध, मेवे, फलियां और अंकुरित अनाज शामिल हैं। रेड मीट और अंडे का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
निष्कर्ष
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन बांझपन के क्षेत्र में सबसे उन्नत तकनीकों में से एक है। हालांकि आईवीएफ की सफलता दर मुख्य रूप से भ्रूण की गुणवत्ता और गर्भाशय के एंडोमेट्रियम पर निर्भर करती है। लेकिन आहार का मरीज़ की स्वास्थ्य और गर्भावस्था के परिणाम में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
इसलिए आईवीएफ उपचार के दौरान सभी आवश्यक पोषक तत्वों के साथ एक स्वस्थ संतुलित आहार पर रहना बहुत महत्वपूर्ण है। अतः आप अपने स्वस्थ भोजन का आनंद लें और तनाव मुक्त रहें। इससे आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी और सफल गर्भावस्था के परिणाम की संभावना बढ़ जाएगी। आईवीएफ के बाद क्या खाएं और क्या न खाएं, इस बारे में बहुत सारे मिथक हैं इसलिए आपको हमेशा यह सुनिश्चित करना है की आप बेस्ट आईवीएफ सेंटर (IVF centre) से संपर्क करें।
वैसे तो आईवीएफ की प्रक्रिया से गुजर रही सभी महिलाओं के लिए कोई एक आदर्श आहार की सिफारिश नहीं की जा सकती है। क्युकी प्रत्येक व्यक्ति की कैलोरी, स्थूल और सूक्ष्म पोषक तत्वों की अलग-अलग आवश्यकताएं होती हैं। संतुलित आहार के साथ-साथ व्यायाम भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि जीवन के किसी अन्य चरण में। तो आज ही शीर्ष आईवीएफ केंद्र (top IVF centre) से विशेषज्ञ से संपर्क करें और एक उचित आहार की सूचि तैयार करें।
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