Infertility and Mental Health

प्रजनन उपचार आपके मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है (How Fertility Treatment May Affect Your Mental Health)

Post by Baby Joy 0 Comments

एक समय से यह बहस का मुद्दा रहा है कि क्या प्रजनन उपचार से आपके मानसिक स्थिति पर कोई प्रभाव होता है। हालांकि, इसका जवाब हमेशा से नपा-तुला रहा है और इस मुद्दे का कोई स्पष्ट उत्तर आज तक लोगों को नहीं मिला है। मां बनना एक आनंददायक पल तो है लेकिन बढ़ते समय के साथ में तनावपूर्ण स्थिति भी बनती जाती है क्योंकि इस दौरान आपको कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है और कई तरह की सावधानी भी बरतनी पड़ती है। गर्भावस्था एक कठीन परीक्षा की तरह है, और प्रजनन उपचार के बाद तनाव, गुस्सा और चिड़चिड़ापन आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है। अगर आप भी प्रजनन उपचार के लिए आईवीएफ सेंटर देख रही हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में आप इलाज करवा सकती हैं।

क्या प्रजनन उपचार आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है? (Does fertility treatment affect your mental health?)

इस सवाल पर अभी तक कोई शोध नहीं हुआ है, लेकिन एक मान्यता जो हर कोई मानता है कि मानसिक स्वास्थ्य का असर आपके प्रजनन उपचार पर पड़ता है। ऐसे माना जाता है कि अगर आपने प्रजनन उपचार करवाया है और मानसिक दबाव या तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहे हैं तो प्रजनन उपचार की सफलता का दर कम हो जाता है। इसलिए जब आप गर्भावस्था में हो या अभी-अभी प्रजनन उपचार करवाया हो, तो आपको ज्यादा सोचने और स्ट्रैस लेने की जरूरत नहीं है। अगर आप भी प्रजनन उपचार के लिए तैयार हैं तो दिल्ली के आईवीएफ केंद्र (IVF Centre in Delhi) में आप इलाज करवा सकती हैं।

प्रजनन उपचार के दौरान आप कैसा महसूस करते हैं? (How do you feel during fertility treatment?)

आईवीएफ इलाज से प्रजनन उपचार में कई सप्ताह का समय लगता है, इस दौरान आप मानिसक तौर पर अलग-अलग स्थिति से गुजरती हैं। इस दौरान आप के अंदर अलग-अलग भावनाएं उमड़ रही होती हैं, और इसका असर आपके पार्टनर पर भी दिखने लगता है। 2021 में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि प्रजनन संबंधी बातें एक वैवाहिक जोड़े को भावनामत्मक रुप से हिलाकर रख देती है, इस दौरान जोड़े में भारी मात्रा में भावनात्मक उथल-पुथल पैदा कर सकती हैं।

प्रजनन उपचार के दौरान और उसके बाद आप एक मिश्रित भावनाओं से होकर गुजरते हैं, और वह भावनाएं इस तरह से हैं: 

अवसाद (Depression)

जब आप प्रजनन उपचार के बाद आप रिजल्ट को लेकर काफी सोचते हैं, इस दौरान आप किसी ऐसी सोच से गुजरते हैं जो आपको निराश कर देती है या फिर आप उस सोच को लेकर उदास हो जाते हैं। ऐसी स्थिति को अवसाद कहा गया है, और अवसाद में आप सिर्फ निराश या उदास जैसी उलझनों से ही नहीं गुजरते हैं। इस दौरान आपका मुड ज्यादातर खराब रहेगा, हमेशा गंभीर रहेंगे और हर वक्त चिंतन करते रहेंगे। प्रजनन उपचार को लेकर आप की सोच में थोड़ी-सी भी नकारात्मकता, आपमें अवसाद को विकसीत करने का जरीया है। इसके कुछ लक्षण भी हैं, जैसे भुख न लगना, हमेशा किसी सोच में खोये रहना, नींद न आना और किसी भी चीज में रुचि न लेना।

ये भी पढ़े, भारतीय दम्पत्तियों में बांझपन(इनफर्टिलिटी) की समस्या के पीछे की वजह क्या है

2016 में कैलिफोर्निया ने एक अध्ययन किया जिसमें 352 प्रतिभागि महिला थी और 274 प्रतिभागि पुरुष थे। सभी प्रजनन उपचार से गुजर रहे थे, इसमें से 56.5% महिलाओं और 32.1% पुरुषों ने अवसाद के लक्षण दिखे थे।

चिंता (Anxiety)

कहते हैं कि चिंता…चिता के समान होती है, इसका तात्पर्य है कि मानसिक बीमारी कहीं ज्यादा घातक है शारीरीक बीमारी से और चिता मरे हुए इंसान की जलती है, लेकिन चिंता जीवित इंसान को जला देती है। ऐसा माना जाता है कि कोई भी महिला जितने बार भी प्रजनन उपचार करवाती है हर बार किसी न किसी चीज को लेकर चिंतित रहती है। हालांकि, आईवीएफ इलाज को कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है लेकिन इन सभी बातों को जानते हुए भी महिला चिंतित हो जाती हैं। एक शोध की मानें तो प्रजनन उपचार में विफल हुई महिलाओं में चिंता का स्तर अधिक होता है। 

ये भी पढ़े, एमएच हार्मोन क्या है? जानिए कैसे यह प्रजनन स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभा सकता है 

2016 में कैलिफोर्निया के उसी अध्ययन में 75.9% महिलाओं और 60.6% पुरुषों में चिंता के गुण दिखे थे।

चिड़चिड़ापन (Irritability)

जब आप के लिए कोई चीज नई होती है औऱ किसी के लाख बताने के बाद आपको वो समझ नहीं आता है तो आप चिड़चिड़े हो जाते हैं। आईवीएफ की चिकित्सीय प्रक्रिया आपके लिए नई है और ऐसे में डर लगना कि इलाज सही होगा या नहीं, आपको चिड़चिड़ापन के तरफ धकेलती है।

दु:ख (Sadness)

कई बार आईवीएफ इलाज के प्रजनन उपचार विफल साबित हो सकते हैं, इससे आपको दुखी होने की जरूरत नहीं है क्योंकि अगर आप एक बार इस बात से दुखी हो गए तो आपके लिए आगे इलाज समस्या से भरा हो सकता है। कई बार पहली बार में रिजल्ट न मिलने पर लोग आत्म-संदेह करने लगते हैं, जिससे अगर आप दोबारा इलाज करवायेंगे भी तो आत्म-संदेह और दुख के वजह से प्रजनन उपचार प्रभावित होगा। और फिर रिजल्ट विफलता आपको और ज्यादा दुखी करेगी।

ये भी पढ़े, गर्भावस्था के लिए आवश्यक अंडाशय का आकार क्या है?

निष्कर्ष (Conclusion)

यह समझने की जरूरत है कि प्रजनन उपचार का मानसिक स्वास्थ्य के ऊपर सार्थक प्रभाव पड़ता है। अवसाद, चिंता, चिड़चिड़ापन और दुख जैसे सामान्य भावनाएं प्रजनन उपचार के बाद आप अनुभव करेंगे, और यह एक सफल इलाज को भी प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे समय में आपके लिए अहम हो जाता है कि आप मानसिक रूप से बेहतर रहना, और जरूरत पड़ने पर किसी से भी मदद लेना। याद रखें, इन भावनाओं को महसूस करना आम बात है लेकिन इन समस्या का समाधान करना और अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाना भी जरूरी है। अगर आप प्रजनन उपचार के लिए तैयार हैं, तो आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य को इस पूरे इलाज के दौरान सकारात्मक रखना होगा। अगर आपको भी प्रजनन में दिक्कत आ रही है तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Treatment Cost in Delhi) पर बेहतरीन इलाज करवा सकते हैं। 

Leave a Reply