क्या मैं आईवीएफ के दौरान प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन लेने से बच सकता हूं?
आईवीएफ इलाज के मामले में किसी निर्णय से पहले बहुत कुछ सोचना और समझना पड़ता है। आईवीएफ के मामले में लिए गए फैसले और उसका परिणाम का असर काफी हद तक हमारे दैनिक जीवन पर पड़ता है। इन्हीं निर्णयों में से एक निर्णय है क्या मैं आईवीएफ के दौरान प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन को इग्नोर कर सकता हूं? आप में से कई लोगों के लिए प्रोजेस्टेरोन शब्द नया होगा, प्रोजेस्टेरोन एक हार्मोन है। प्रोजेस्टेरोन को गर्भधारण के लिए सहायक हार्मोन माना जाता है और आईवीएफ इलाज के दौरान प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन को निर्धारित किया गया है। अगर आप भी प्रजनन उपचार के लिए आईवीएफ सेंटर देख रही हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में आप इलाज करवा सकती हैं।
प्रोजेस्टेरोन गर्भवस्था के लिए सबसे जरूरी हार्मोन है। ऐसे में जब कोई महिला आईवीएफ की मदद से गर्भधारण कर रही हैं तो उनके लिए प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन उचित है या नहीं। अगर गर्भावस्था का मामला आईवीएफ की मदद से पूरा हो रहा है तो ऐसे में गर्भाश्य को मजबूत बनाये रखने के लिए प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन दिया जाता है। आईवीएफ के दौरान प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन आपकी सफलता की चांस को बढ़ा देता है। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन महिला अंडाशय के द्वारा निर्मित होता है, और इसका काम है गर्भाशय की परत को मोटा करना ताकी निषेचित अंडे को प्रत्यारोपित होने और बढ़ने में कोई दिक्कत न हो।
प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन को समझते हैं (Understand Progesterone Injection)
आमतौर पर हर महिला जब प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में सफल होती है तो उन्हें प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि जब आप प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करती हैं तो मासिक धर्म चक्र और गर्भावस्था दोनों के दौरान प्रोजेस्टेरोन प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होता है। जिसके वजह से गर्भाशय की परत निर्माण में मददगार साबित होता है, ताकी निषेचित अंडे को प्रत्यारोपित होने और बढ़ने में कोई दिक्कत न हो।
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इसलिए जब महिला प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करती है तो उनको प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन की कोई जरूरत नहीं होती है। आप लोगों को यह समझना होगा कि यदि आप प्रकृतिक रूप से गर्भवती हो सकती हैं तो आप प्राकृतिक रूप से प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन कर रहे हैं लेकिन आईवीएफ उपचार के मामले में ऐसा नहीं होता है।
अगर कोई कपल निसंतानता का दंश झेल रहा है, और उस कपल को आईवीएफ की मदद से संतान चाहिए। ऐसी परिस्थिति के लिए प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन का निर्धारण को उचित माना गया है। आईवीएफ इलाज में शरीर से बाहर लैब में भ्रुण को तैयार किया जाता है, फिर जब भ्रुण तैयार हो जाता है तो उसके बाद गर्भधारण करने के लिए महिला के गर्भाश्य में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
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ऐसी परिस्थिति में गर्भाश्य की परत को मोटा करने के लिए ताकी निषेचित अंडे को प्रत्यारोपित करवाने के लिए प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन का इस्तेमाल समय-समय पर किया जाता है। आईवीएप उपचार में ऐसा न करने से आपके साथ समस्या हो सकती है, क्योंकि इस तरह की चीजें ही मिलकर इलाज को सफल बनाती है। अगर आपको भी प्रजनन में दिक्कत आ रही है तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) पर बेहतरीन इलाज करवा सकते हैं।
आईवीएफ में प्रोजेस्टेरोन का उपयोग करने के कारण (Reasons for using progesterone in IVF)
बात करें आईवीएफ इलाज में प्रोजेस्टेरोन का उपयोग के बारे में तो ऊपर हमने आपको बताया है कि क्यों प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन आईवीएफ मरीज के लिए जरूरी होता है। जब आप प्राकृतिक तरीके से गर्भवती हो जाती हैं तो इसका मतलब होता है कि आप पूरी तरह से स्वस्थ है और आपका प्रजनन अंग भी सही तरह से काम कर रहा है। ऐसी अवस्था में कभी भी आपको प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन या प्रोजेस्टेरोन को बढ़ाने वाले कारक के बारे में नहीं सोचना है। और इसकी आपको जरूरत भी नहीं पड़ती है लेकिन आईवीएफ के मामले में चीजें बिल्कुल ही अलग होती है।
आईवीएफ इलाज में प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन का इस्तेमाल अगर नहीं होता है तो इसका सीधा असर आपके इलाज पर पड़ेगा। इसके अलावा अगर आप आईवीएफ इलाज करवाते हैं लेकिन प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन से दूर रहना चाहते हैं तो शायद आप गलत कर रही हैं क्योंकि प्रोजेस्टेरोन की कमी से कहीं गर्भपात न हो जाए। प्रोजेस्टेरोन गर्भावस्था के लिए अहम हार्मोन है, ये सिर्फ गर्भाश्य की परत में नही बल्कि निषेचित अंडो को प्रत्यारोपित होने में भी सहायक साबित होता है।
आपको बता दें कि जो भी कपल संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ की मदद लेता है, उनमें कुछ न कुछ कमी होती है जिसकी वजह से उन्हें एआरटी का सहारा लेना पड़ता है। अगर कमी महिला में है तो ऐसी परिस्थिति में प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन बेहद ही जरूरी हो जाता है। आपने इलाज करवाया है, पैसे खर्च किए हैं और साथ में समय भी…. और आप नहीं चाहते हैं कि इतनी मेहनत के बाद इलाज विफल हो जाए।
प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन कितने समय तक लेने की आवश्यकता है? (How long do I need to take progesterone injections?)
अगर सिर्फ समय की बात करें कि कब तक प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन लेना पड़ता है, तो आपको बता दें कि अंडाशय प्रोजेस्टेरोन उत्पादन के लिए तभी तक जिम्मेदार है जबतक प्लेसेंटा गर्भकालीन आयु के लगभग 8-10 सप्ताह तक नहीं पहुंच जाता है। अगर आप प्राकृतिक रूप से गर्भधारण किया है तो आपको सोचने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर आपने आईवीएफ की मदद गर्भधारण किया है। ऐसी स्थिति में आईवीएफ सेंटर अंडा पुनर्प्राप्ति या जमे हुए भ्रूण स्थानांतरण के 8-10 सप्ताह बाद तक प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन कि सलाह देते हैं। हालांकी, ऐसे मामलों में आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, हर किसी परिस्थिति के अनुसार खुराक अलग होता है।
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क्या मुझे प्रोजेस्टेरोन लेते समय प्रोजेस्टेरोन के स्तर की जांच करनी चाहिए? (Should I check progesterone levels while taking progesterone?)
अगर आप सोच रही हैं कि आप खुद से प्रोजेस्टेरोन के स्तर की जांच कर सकती है या नहीं, आमतौर पर जिस आईवीएफ सेंटर में आप इलाज करवा रही हैं, वो जांच कर सकते हैं। हालांकी इस बात को लेकर हरेक आईवीएफ सेंटर की अपनी प्रथाएं हैं। यदि आपका आईवीएफ सेंटर इसकी जांच करता है तो मापे गए रिजल्ट पर सेंटर तय करता है कि आगे प्रोजेस्टेरोन की जरूरत है या नहीं।
प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन के दुष्प्रभाव (Progesterone injection side effects)
प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन से आपको दिक्कत हो सकती है। ऐसे मामलों में आपके आईवीएफ सेंटर को पता होता है कि कितनी मात्रा में प्रोजेस्टेरोन की शरीर को जरूरत होती है। अगर प्रोजेस्टेरोन का खुराक ज्यादा होता है तो दिक्कत होगा, और दिक्कत सामान्य भी हो सकती है और गंभीर भी। प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन से होने वाला दुष्प्रभाव निम्नलिखित है:
सामान्य दुष्प्रभाव
- सिरदर्द,
- दर्द,
- मुंहासे,
- मतली,
- स्तन कोमलता,
- इंजेक्शन स्थल पर सूजन,
- वजन बढ़ना या कम होना,
- चक्कर आना या उनींदापन
- सिर के बालों का झड़ना,
- शरीर या चेहरे पर बालों का बढ़ना, ये सभी सामान्य दुष्प्रभाव के श्रेणी में रखा गया है।
अगर आपको निम्नलिखित में से कोई भी दिक्कत होता है तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
- एलर्जी
- अवसाद
- अचानक खांसी होना
- तेजी से सांस लेना
- मूत्र त्याग करने में दर्द
- असामान्य योनि से रक्तस्राव
- आपके स्तनों में गांठ
- भीर सिरदर्द या माइग्रेन
- अस्पष्ट भाषण
- पीलिया
- नज़रों की समस्या
- छाती में दर्द
निष्कर्ष (Conclusion)
अगर आप गर्भधारण करने के लिए आईवीएफ इलाज करवा रहे हैं, तो आपके लिए जरूरी हो जाता है कि अपने गर्भावस्था को सपोर्ट करने के लिए प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन लें। प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन को नजरअंदाज करना आपके लिए नकारात्मक हो सकता है। अगर आप प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन नहीं लेना चाहते हैं, तो प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन के जगह पर और भी कई चीजें हैं जो आपके शरीर में प्रोजेस्टेरोन की मात्रा बढ़ायेगा। जैसे – जेल, टैबलेट या सपोसिटरी रूप में दवा ले सकते हैं। प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन से होने वाले जोखिम से सतर्क रहना आपके लिए बेहद जरूरी है, खासकर रक्त थक्का बनने जैसे दिक्कतों से। अनुशासित जीवन जीना और पौष्टीक आहार का सेवन करने से ही आप प्राकृतिक रूप से प्रोजेस्टेरोन के स्तर को बढ़ा सकते हैं। अततः आपको बता दें कि प्रोजेस्टेरोन हार्मोन गर्भावस्था के लिए बेहद ही जरूरी है, क्यों न आप प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करें या फिर आईवीएफ की मदद से।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1. क्या आईवीएफ इलाज में प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन लेना जरूरी है?
उत्तर- हां, अगर आपने संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ इलाज का सहारा लिया है तो गर्भवस्था को सपोर्ट करने के लिए आपको प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन का खुराक लेना पड़ेगा। वर्ना रिजल्ट आपके आशा के खिलाफ भी जा सकता है।
प्र.2. प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन के जगह पर दूसरा कोई विकल्प?
उत्तर- विकल्प उपलब्ध है, आप चाहें तो प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन के जगह पर जेल, टैबलेट या सपोसिटरी रूप में दवा ले सकते हैं। इसका इस्तेमाल आप सीधे तौर पर मौखिक रूप से या फिर योनि में डाल सकते हैं।
प्र.3. प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन से खतरा क्या है?
उत्तर- आमतौर पर जब आप किसी डॉक्टर या क्लिनिक में इलाज करवाते हैं तो आपको पूरी तरह से देख-रेख में रखा जाता है ताकी कोई दिक्कत न हो। लेकिन प्रोजेस्टेरोन इंजेक्शन के इस्तेमाल से शरीर में खून का थक्का जमने का डर रहता है। इसके अलावा यदि आपको अपने किसी पैर में अचानक दर्द, सुजन या फिर पैर में कहीं पर चोट के वजह से होने वाली लालीमा दिख रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
प्र.4. . प्रोजेस्टेरोन को प्राकृतिक रूप से कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर- इसके लिए आपको बहुत ज्यदा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। आपको अनुशासित जीवन जीना है, स्वस्थ भोजन का सेवन करें और भारी व्यायाम से बचकर रहे।
प्र.5. क्या प्रोजेस्टेरोन के बिना गर्भावस्था संभव है?
उत्तर- नहीं, प्रोजेस्टेरोन के बिना गर्भावस्था संभव नहीं है और यह बात बहुत ही क्लियर है क्योंकि जो आईवीएफ इलाज भी करवाते हैं उन्हें भी प्रोजेस्टेरोन का अलग से खुराक लेना पड़ता।