एंडोमेट्रियोसिस के साथ गर्भवती होना: क्या यह संभव है? (Getting Pregnant With Endometriosis: Is It Possible?)
एंडोमेट्रियोसिस शब्द आप में से कई लोगों के लिए नया होगा, लेकिन यह एक सामान्य बीमारी की तरह है जो महिलाओं में पाई जाती है। एंडोमेट्रियम एक उत्तक(tissue) है जो महिलाओं के मासिक धर्म के लिए जिम्मेदार माना जाता है। आमतौर पर एंडोमेट्रियोसिस किसी भी महिला को गर्भवती होने से नहीं रोकता है, लेकिन यह प्रजनन क्षमता को सीधे रूप से प्रभावित करता है। ऐसे में सवाल उठना की एंडोमेट्रियोसिस के साथ गर्भवती होना संभव है या नहीं? बेहद ही लाजमी सवाल है और इस आर्टिकल में हम एंडोमेट्रियोसिस के साथ गर्भवती होना: क्या यह संभव है? अगर आप भी एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्या से गुजर रहे हैं तो गुड़गांव में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ सेंटर(Best IVF centre in Gurgaon) में इलाज करवा सकते हैं।
क्या है एंडोमेट्रियोसिस? (What is endometriosis)
गर्भाशय की अंदरूनी परत को एंडोमेट्रियम कहा जाता है, और यह एक तरह का उत्तक है। एंडोमेट्रियोसिस के दौरान एंडोमेट्रियम के समान उत्तक शरीर में अलग-अलग जगहों पर फैलने लगती है। बढ़ते-बढ़ते ये उत्तक शरीर के गलत हिस्सों में फैलने लगते हैं, जिसके बाद से आपको अपने शरीर में अकड़न और असुविधाजनक लक्षण महसूस होने लगती है। उदाहरण के तौर पर अगर ये उत्तक बढ़ते-बढ़ते आपके अंडाशय, और आंतों तक पहुंच जाते हैं तो आपको लंबे समय तक दर्द और गंभीर दिक्कतें हो सकती है। इस बात का कोई खास प्रमाण तो नहीं है कि यह बांझपन का भी कारण बनता है लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है कि यह प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है।
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एंडोमेट्रियोसिस गर्भावस्था को कैसे प्रभावित करता है? (How does endometriosis affect pregnancy?)
2014 में किए गए समीक्षा के अध्ययनों से पता चलता है कि 2-10 प्रतिशत लोग एंडोमेट्रियोसिस हो जाने के बाद गर्भधारण करने में सफल रही हैं। जबकी 15-20 प्रतिशत लोग ऐसे भी पाये गए हैं जिन्हें एंडोमेट्रियोसिस किसी तरह से परेशानी की वजह नहीं लगी। हालांकि, इस बात में कोई शक नहीं है कि एंडोमेट्रियोसिस प्रजनन संबंधी समस्या की वजह है, क्योंकि एंडोमेट्रियोसिस अंडाशय या फिर फैलोपियन ट्यूब को प्रभावित करता है। एंडोमेट्रियोसिस के शरीर में फैलने वाले हिस्सों में से अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब एक है।
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एक अंडे को निषेचित होने के लिए अंडाशय से होकर फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय तक पहुंचना पड़ता है और फिर गर्भाशय की परत में प्रत्यारोपित होता है। लेकिन अगर एंडोमेट्रियोसिस फैलते हुए किसी महिला की फैलोपियन ट्यूब की परत पहुंच जाता है, तो ये ऊतक अंडे को गर्भाशय तक जाने नहीं देते हैं। और इस तरीके से एंडोमेट्रियोसिस सीधे तौर पर प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। इसके अलावा इस बात में भी कोई शक नहीं है कि एंडोमेट्रियोसिस अंडे या शुक्राणु को भी क्षतिग्रस्त कर सकता है, हालांकि इस का अभी कोई तय प्रमाण नहीं है और डॉक्टरर्स को भी नहीं पता है कि ऐसा क्यों होता है?
एंडोमेट्रियोसिस के साथ गर्भधारण की संभावना कैसे सुधारें (How to improve your chances of conceiving with endometriosis)
हमें एक बात पहले समझने की जरूरत है कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं हैं कि एंडोमेट्रियोसिस और गर्भावस्था का कोई लेना-देना है। और इस बात पर अभी तक शोध नहीं किया गया है कि एंडोमेट्रियोसिस से ग्रसीत महिला को क्या उपाय करना चाहिए, कि वो गर्भधारण कर सके। ऐसे मामलों में आपको किसी अनुभवी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, वो कुछ नहीं तो शरीर में गर्भावस्था हार्मोन की मात्रा बढ़ाने के लिए कोई-न-कोई दवा आपको जरूर बतायेंगे।
जब ऐसी बिमारी के लिए कोई उपाय नहीं निकलता है, तो इंसान ऐसा क्या करे कि ऐसी मुसीबत के बावजूद संतानप्राप्ती का सुख प्राप्त कर सके। इसके लिए आपको कुछ ज्यादा करने की जरूरत नहीं है, बस आपको कुछ मुल चीजों पर ध्यान देना है जो आप प्रतिदिन करते हैं। जैसे
- आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते रहे – इसके लिए आपको विटामिन और प्रोटिन से भरे खाद्य पदार्थ का सेवन करें। जैसे – फल, हरी सब्जी और साबुत अनाज। इस तरह के पोषक तत्व सिर्फ शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि शुक्राणु और अंडाशय में भी मददगार साबित होता है, जिससे आपकी प्रजनन क्षमता मजबूत होती है।
- अपने शरीर का वजन न बढ़ने दें, रोजाना व्यायाम करें या फिर योगा करें।
- एंडोमेट्रियोसिस के इलाज के लिए दवा समय से लेते रहें।
इन्हीं कुछ चीजों को अपने ध्यान में रखना ताकी संतानप्राप्ती का सपना आपका भी पूरा हो सके।
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निष्कर्ष
एंडोमेट्रियोसिस के साथ गर्भधारण कर पाना मुमकिन है लेकिन इससे आपकी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण एंडोमेट्रियम के एक जैसे ऊतक शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल जाते हैं। जो अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को प्रभावित कर सकता है, जिससे अंडे का गर्भाशय तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है, और इस तरीके से एंडोमेट्रियोसिस प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। एंडोमेट्रियोसिस के साथ गर्भधारण कर पाने के मौके को बेहतर करना है तो आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप स्वस्थ भोजन करें, अपने वजन पर ध्यान दें, व्यायाम रोज करें, एंडोमेट्रियोसिस से जुड़ी दवा समय से लेते रहें और किसी अनुभवी डॉक्टर से संपर्क करें और पक्का इलाज जानें। इस तरह की छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखने से एंडोमेट्रियोसिस के साथ बच्चा पैदा करने का चांस बढ़ जाएगा।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1. एंडोमेट्रियोसिस के साथ गर्भवती होना मुमकिन है?
उत्तर- 2014 के अध्ययन को माने तो मुमकिन है, लेकिन यह प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है।
प्र.2. एंडोमेट्रियोसिस कि दिक्कत किस उम्र के लोगों में होता है?
उत्तर- एंडोमेट्रियोसिस, आमतौर पर 25 से 40 वर्ष की आयु के लोगों को टारगेट करता है।
प्र.3. एंडोमेट्रियोसिस से गर्सीत होने के बाद एआरटी की मदद से गर्भधारण कर पाना संभव है?
उत्तर- हां, सर्जरी या एआरटी के माध्यम से एंडोमेट्रियोसिस को हटा सकते हैं और फिर गर्भावस्था संभव है।
प्र.4. एंडोमेट्रियोसिस शरीर के किन हिस्सों में फैलती है?
उत्तर- कुछ स्थानों जहां पर एंडोमेट्रियोसिस विकसित होता है:
- आपके गर्भाशय के बाहर और पीछे।
- फैलोपियन ट्यूब।
- अंडाशय.
- प्रजनन नलिका।
- पेरिटोनियम (आपके पेट और श्रोणि की परत)।
- मूत्राशय और मूत्रवाहिनी.
- आंतें।
- मलाशय.
प्र.5. एंडोमेट्रियोसिस क्या यह बांझपन का कारण बनता है?
उत्तर- ऐसा कोई सबुत तो है नहीं कि एंडोमेट्रियोसिस बांझपन का कारण बनता है, लेकिन प्रजनन समस्याओं को लेकर कोई शक नहीं है। अगर आप भी एंडोमेट्रियोसिस का इलाज करवाना चाहते हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Gurgaon) आपके लिए उचित साबित होगा।