शुक्राणु में असामान्यताएं क्या है?

Post by Baby Joy 0 Comments

आज भी समाज में एक भ्रम फैला हुआ है कि पुरूषों को शुक्राणु संबंधी समस्या नहीं हो सकती है, और एक कपल में निसंतानता की वजह हमेशा महिला पार्टनर को ही माना जाता है। हालांकी, अब समय आ गया है कि समाज को आईना दिखाने का और बताने का कि निसंतानता के मामलों में जितना महिला जिम्मेदार होती है उतना ही पुरूष जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि पुरूषों के शुक्राणु में असामान्यताएं क्या है? अगर आप भी शुक्राणु संबंधी समस्या की वजह से पिता नहीं बन पा रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में आईवीएफ उपचार करवा सकते हैं।

पुरूषों में बांझपन की समस्या होने का मतलब होता है कि पुरूष में शुक्राणु संबंधी समस्या विकसीत हो चुकी है। हम सभी जानते हैं कि यौन संबंध एक प्रक्रिया है, लेकिन गर्भधारण करने के लिए शुक्राणु और अंडो का मिलना ही आखिरी मंजील होती है। हमारे बीच ऐसे कई तत्व या कारक मौजूद हैं जिसके सेवन से शुक्राणु पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, और धीरे-धीरे पुरूष को बांझपन की तरफ धकेलता है। पुरूष बांझपन आज के दौर की सच्चाई है, और समाज में इसको लेकर बात न होना, लोगों को अंधेरे में रखने जैसा है। शुक्राणु में होने वाले असामान्यताएं को नजरअंदाज करना आपको महंगा पड़ सकता है।

शुक्राणु में किसी प्रकार कि असामान्यताएं आपके पिता बनने के सपने को आपसे दूर कर सकता है। शुक्राणु संबंधी समस्या या शुक्राणु में असामान्यताएं में कई तरह की कमी शामिल होती है। जिसके बारे में हम में से बहुत कम ही लोग जानते होगें, और ऐसे में अगर आप शुक्राणु संबंधी समस्याओं से जुझ रहे हैं तो आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और समाधान ढुंढे।

शुक्राणु को क्षति पहुंचाने वाले कारक(Factors that damage sperm)

  • उच्च रक्तचाप
  • नींद की कमी
  • अत्यधिक वजन
  • धूम्रपान का सेवन
  • फास्ट और जंक फूड
  • यौन संचरण संक्रमण
  • कैफीन और शराब का सेवन

आईए जानते हैं शुक्राणु में असामान्यताएं क्या है?

शुक्राणु में असामान्यताएं कई विभिन्न परिदृश्य के बारे में बताता है, और इस तरह के परिदृश्य को जानने के लिए आप अपने डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं। लेकिन आपको एक बात समझना होगा कि शुक्राणु संबंधी समस्याओं के लिए आप खुद दोषी है, और इस तरह की समस्याओं को अपना पता आपने खुद ही दिया है।

Read more: बेबी जॉय आईवीएफ को दिल्ली में अग्रणी आईवीएफ क्लिनिक क्या बनाता है?

शुक्राणु आकृति (Sperm Morphology)

आप में से कई लोग इस शब्द से अनजान होगें, लेकिन अगर शुक्राणु की आकृति सही नहीं हुई तो शुक्राणु अपने तय मंजील तक नहीं पहुंच पाता है। सामान्य शुक्राणु आकृति होने पर शुक्राणु आराम से अपने रास्ते को तय करते हुए सीधे लाइन में चलता है, जिससे यह उम्मीद लगाई जा सकती है कि अंडाशय तक का सफर तय कर लेगा। आपको बता दें कि अगर शुक्राणु आकृति में किसी भी प्रकार की कमी है तो आपको बांझपन की समस्या से जुझना पड़ सकता है।

Read more: IVF ट्रीटमेंट में लगने वाले इंजेक्शन के प्रकार, फायदे और नुकसान

शुक्राणु मध्य भाग (Sperm Midpiece)

शुक्राणु का मध्य भाग शुक्राणु गतिशीलता के लिए काफी अहम होता है। शुक्राणु के मध्य भाग में माइटोकॉन्ड्रिया मौजूद होता है जो शुक्राणु गतिशीलता और उर्जा उत्पादन में मददगार साबित होता है। हालांकी, असामान्य शुक्राणु में माइटोकॉन्ड्रिया की कमी होती है, जिसके वजह से शुक्राणु की मध्य भाग बहुत मोटी हो सकती है या फिर रूप से पतला भी दिख सकता है। ऐसे में शुक्राणु के लिए अंडाशय तक का सफर पूरो कर पाना मुश्किल हो जाता है, और शुक्राणु कहीं खोकर रह जाता है।

IVF के बाद क्या करें और क्या न करें? जानिए गुडगाँव के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र द्वारा

शुक्राणु पूंछ (Sperm Tail)

शुक्राणु पूंछ अहम किरदार निभाता है शुक्राणु को अंडाशय तक पहुंचाने में, और पूंछ के मदद से ही शुक्राणु तैरता हुआ अपने मंजील तक पहुंचता है। लेकिन अगर शुक्राणु पूंछ में किसी भी प्रकार की कमी या दिक्क्त है तो अंडाशय तक पहुंचना समस्यात्मक हो जाता है। शुक्राणु पूंछ से जुड़े सामान्य दोषों में कुंडलित पूंछ, स्टंप पूंछ, डुप्लिकेट पूंछ, एकाधिक पूंछ और अनियमित मोटाई या अनुपस्थित पूंछ (पूंछ रहित) शामिल हैं।

अगर आप भी बांझपन की समस्या का इलाज कराना चाहते हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF cost in Delhi) आपके लिए उचित रहेगा।

शुक्राणु संख्या (Sperm Count)

शुक्राणु संख्या कम होना शुक्राणु असामान्यताओं की निशानी है। शुक्राणु संख्या कम होने का मतलब है कि किसी समस्या के वजह से शुक्राणु की उत्पादन में कमी आना। आमतौर पर गर्भधारण के लिए एक ही शुक्राणु काफी होता है, लेकिन संभोग के बाद एक साथ लाखों शुक्राणु अपना रास्ता तय करने निकलते हैं लेकिन कुछ ही शुक्राणु अंडाशय तक पहुंच पाती है। ऐसे में अगर शुक्राणु संख्या कम हो तो गर्भधारण की उम्मीद कम हो जाती है।

Read more: दिल्ली-एनसीआर में सर्वश्रेष्ठ पुरुष बांझपन डॉक्टर

शुक्राणु गतिशीलता (Sperm Motility)

घर से निकलकर मंजील तक पहुंचने के लिए आप के अंदर गतिशीलता होना जरूरी होता है। ठीक इसी प्रकार से शुक्राणु को अंडाशय तक पहुंचने के लिए गतिशीलता की जरूरत होती है, लेकिन शुक्राणु में असामान्यताओं जैसे शुक्राणु आकृति की वजह से गतिशीलता पर असर पड़ता है। जिसके कारण शुक्राणु के लिए अंडाशय तक रास्ता तय कर पाना मुश्किल हो जाता है और शुक्राणु रास्ते में ही दम तोड़ देता है।

Read more: क्या यौन संचारित संक्रमण प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं?

शुक्राणु डीएनए क्षतिग्रस्त (Sperm DNA damage)

सामान्य शब्दों में इसे शुक्राणु विखंडन कहते हैं। इसमें शुक्राणु में मौजूद सभी तत्व बिखर जाते हैं, जिसे मेडिकल की भाषा में शुक्राणु सिंगल और डबल स्ट्रैंड कहते हैं। अगर पुरूष का शुक्राणु डीएनए सिंगल स्ट्रैंड है तो पुरूष पिता बन सकता है लेकिन अगर डीएनए डबल स्ट्रैंड है तो आपको इलाज के बारे में सोचने की जरूरत है। शुक्राणु डीएनए को लेकर ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

शुक्राणु में असामान्यताओं के कई कारण हो सकते हैं और इस तरह की कमी के वजह से आपको जीवन में कई तरह की परेशानीयों को झेलना पड़ सकता है। शुक्राणु संबंधी समस्या आप बांझ बना सकता है और संतानप्राप्ती के सपने को भी धुमिल कर सकता है। ऐसी परिस्थिति में आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप किसी अनुभवी डॉक्टर से संपर्क करें, ताकी समय रहते आप अपनी परेशानी से छुटकारा पा सके।

शुक्राणु में असामान्यताओं की वजह से आपको शुक्राणु आकृति, शुक्राणु पूंछ, शुक्राणु मध्य भाग, शुक्राणु गणना, शुक्राणु गतिशीलता और शुक्राणु डीएनए क्षति जैसी समस्याओं से जुझना पड़ सकता है। ? अगर आप भी शुक्राणु संबंधी समस्या की वजह से पिता नहीं बन पा रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में आईवीएफ उपचार करवा सकते हैं।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. क्या आपका बच्चा असामान्य शुक्राणु से हो सकता है?

उत्तर- हां, ऐसा मुमकिन तो है लेकिन ज्यादातर मामलों में पाया गया है कि असामान्य शुक्राणु अंडाशय तक सफर ही तय नहीं कर पाते हैं। जिसके वजह से गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है और आप निसंतानता के तरफ बढ़ने लगते हैं।

प्र.2. क्या आप 2% शुक्राणु आकृति के साथ गर्भधारण कर सकती हैं?

उत्तर- नहीं, ऐसा हो पाना मुमकिन नहीं है। मेडिकल और विज्ञान की माने तो इसके लिए जरूरी है कि कम से कम 4% और ज्यादा से ज्यादा 14% होना जरूरी है।

प्र.3. क्या मैं शुक्राणु आकृति विज्ञान में सुधार कर सकता हूं?

उत्तर- सही मायनो में कहा जाए तो इस बात को लेकर कोई प्रमाण नहीं है कि आप अपने शुक्राणु आकृति को सुधार सकते हैं या नहीं। लेकिन अगर शुक्राणु आकृति को लेकर चिंतीत हैं तो आप धूम्रपान और शराब का सेवन कम करना होगा। साथ उन कारकों से भी दूर रहना होगा।

प्र.4. क्या बांझपन ठीक हो सकता है?

उत्तर – हां, लेकिन यह कारण पर निर्भर करता है। 85% से 90% मामलों में, जीवनशैली में संशोधन, दवा, एआरटी या सर्जरी से बांझपन का इलाज किया जा सकता है और व्यक्ति को गर्भधारण करने की अनुमति मिल सकती है।

प्र.5. सफल आरोपण के लक्षण क्या हैं?

उत्तर – कुछ महिलाओं को संकेत और लक्षण के बिना ही प्रत्यारोपण हो जाता है। बात करें संकेतों कि तो हल्का रक्तस्राव, ऐंठन, मतली, सूजन, स्तनों में दर्द, सिरदर्द और मूड में बदलाव जैसे लक्षण देखने के लिए मिलता है। 

Leave a Reply