IVF के लिए कौन सा इंजेक्शन इस्तेमाल किया जाता है?

IVF ट्रीटमेंट में लगने वाले इंजेक्शन के प्रकार, फायदे और नुकसान

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आईवीएफ उपचार में इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है, और कई बार सप्ताह-दर-सप्ताह भी इंजेक्शन लगाया जाता है। हालांकी, कुछ मरीज इंजेक्शन को लेकर घबरा जाते हैं, लेकिन कई बार मरीज की कंडीशन को ध्यान में रखते हुए इंजेक्शन का इस्तेमाल जरूरी हो जाता है। भ्रूण स्थानांतरण के बाद प्रेग्नेंसी को सपोर्ट करने के लिए भी इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा मल्टीपल फेल आईवीएफ मामलों में भी इंजेक्शन का इस्तेमाल करना पड़ता है। अगर आप भी शुक्राणु संबंधी समस्या की वजह से पिता नहीं बन पा रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में आईवीएफ उपचार करवा सकते हैं।

आईवीएफ उपचार के दौरान लगाए जाने वाले इंजेक्शन अलग-अलग उद्देश्यों को पूरा करता है। कई बार इंजेक्शन का इस्तेमाल आपके शरीर में किसी चीज की कमी के कारण उपयोग करते हैं। जैसे – प्रोजेस्टेरोन की कमी कारण, इंजेक्शन का इस्तेमाल होता है जिससे आपके शरीर को पर्याप्त रूप से प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाया जा सके, और ऐसे कई कारण हो सकते हैं जिसके वजह से इंजेक्शन का इस्तेमाल अनिर्वाय हो जाता है। आईए जानते हैं, आईवीएफ उपचार में लगने वाले इंजेक्शन के प्रकार, फायदे और नुकसान।

आईवीएफ उपचार में लगने वाले इंजेक्शन के प्रकार

ह्यूमन मेनोपॉज़ल गोनाडोट्रोपिन(HMG)

आमतौर पर, महिला एक महीने में एक ही अंडे का उत्पादन कर पाती है। ऐसे में आईवीएफ इलाज से पहले आपको एचएमजी की इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा में दो प्रकार के हार्मोन मौजूद होते हैं – एफएसएच और एलएच। यह दोनों हार्मोन्स मिलकर ओवेरिज को अत्यधिक अंडो का स्टिमुलेट करने में मदद करता है। इस इंजेक्शन को मासिक धर्म के शुरुआत के 6 से 12 दिन के अंदर लगाया जाता है।

फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन(FSH)

एफएसएच इंजेक्शन को भी अंडाणु के विकास को तेजी देने के लिए किया जाता है। एचएमजी या फिर एफएसएच में से किस इंजेक्शन इस्तेमाल करना है यह मरीज की कंडीशन और आपके डॉक्टर पर निर्भर करता है, क्योंकि दोनों इंजेक्शन का काम एक ही जैसा है।

ह्यूमन क्रोनिक गोनाडोट्रोपिन(hCG)

आमतौर पर इस इंजेक्शन का इस्तेमाल तब किया जाता है जब महिला की प्रेग्नेंसी को सपोर्ट करने की जरूरत होती है। यानी कि जिन महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो गई है उनके अंदर इस इंजेक्शन की मदद से सेक्स हार्मोन को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि इस इंजेक्शन के मदद से फॉलिकल से अंडे निकलता है।  

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GnRH एगोनिस्ट

इस इंजेक्शन का काम होता है कि अंडकोष और अंडाशय को सेक्स हार्मोन बनाने से रोकता है और साथ उन हार्मोन्स को भी अवरुध्द करता है जो सेक्स हार्मोन बनाने में मददगार होते हैं। इसके अलावा इस इंजेक्शन का इस्तेमाल उन महिलाओं पर किया जाता है जो स्तन कैंसर से ग्रसीत होती हैं। इस इंजेक्शन के मदद से कीमोथेरेपी के दौरान प्रजनन क्षमता को प्रभावित होने से रक्षा करता है।

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GnRH अंटागोनिस्ट

यह इंजेक्शन भी लगभग एगोनिस्ट की तरह ही काम करता है। इस इंजेक्शन के मदद से एलएच हार्मोन रिलीज को रोकता है, और क्योंकि यह ड्रग्स तुरंत असर दिखाने लगता है तो इसका इस्तेमाल एक तय मात्रा में ही किया जाता है। इसके अलावा इस इंजेक्शन की मदद से अंडो की संख्या को बढ़ाने के लिए मददगार माना जाता है। अगर इस इंजेक्शन का इस्तेमाल अधिक मात्रा में किया जाता है तो इसका साइड इफैक्टस भी मरीज पर देखने के लिए मिलता है।

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एलएमडब्ल्यूएच(LMWH)

इस इंजेक्शन उन महिलाओं पर किया जाता है जिन्होंने आईवीएफ के मल्टीपल मामलों में असफलता हाथ लगी हो। इसके अलावा उन महिलाओं को यह इंजेक्शन लगाया जाता है जिन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या हो।

IVF ट्रीटमेंट में लगने वाले इंजेक्शन के फायदे

आईवीएफ उपचार के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शन मरीज के कंडीशन के अनुसार तय होते हैं। और हमने आपको ऊपर भी बताया है कि मरीज में किसी तरह की कमी पाई जाने पर तय होता है कि किस इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाएगा। आपको बता दें कि हरेक महिला और पुरूष अलग होते हैं, और हर किसी की मेडिकल कंडीशन भी अलग होती है।

अगर आप आईवीएफ उपचार के लिए गई हैं तो ऐसे में एक से अधिक अंडो की जरूरत होती है, और एक महिला एक महीने में एक ही अंडा का उत्पादन करती हैं, तो ऐसी परिस्थिति में इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है।

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इसके अलावा इन इंजेक्शन के इस्तेमाल से अंडो की गुणवत्ता भी बेहतर होती है, और प्रेग्नेंसी को भी सपोर्ट किया जाता है।

कई बार आईवीएफ फेल होने का कारण होता है कि भ्रूण अपने सेल से बाहर नहीं निकल पाता है। ऐसे में भ्रूण को गर्भाशय में स्थानांतरित करने के बाद भी इंजेक्शन इस्तेमाल किया जाता है, ताकी भ्रूण के सेल को और ज्यादा पतला किया जा सके। जिससे भ्रूण अपने सेल से बाहर निकलकर गर्भाशय के साथ प्रत्यारोपित हो सके।

आईवीएफ उपचार के दौरान लगने वाले कुछ इंजेक्शन ऐसे भी हैं जो आपको कैंसर जैसे रोग से ग्रसीत होने के बावजूद आपके प्रजनन क्षमता को प्रभावित होने से रक्षा करता है।

अगर आप भी बांझपन की समस्या का इलाज कराना चाहते हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF cost in Delhi) आपके लिए उचित रहेगा।

IVF ट्रीटमेंट में लगने वाले इंजेक्शन के नुकसान

बात करें आईवीएफ उपचार के दौरान लगने वाले इंजेक्शन से नुकसान की तो आपको इन इंजेक्शन से ज्यादा बड़ी समस्या से जुझना नहीं पड़ता है। इससे होने वाले नुकसान से आप रोजाना स्तर पर रूबरू होते हैं।

  • उल्टी
  • थकान
  • एलर्जी
  • पेट का फूलना
  • गर्मी लगना
  • मूड में बदलाव
  • पेल्विक इन्फेक्शन
  • स्तनों का मुलायम होना
  • हल्का श्रोणि और पेट दर्द

निष्कर्ष (Conclusion)

आईवीएफ इलाज के दौरान उपयोग में आने वाले इंजेक्शन आपके बेहतरी के लिए होता है, और इस तरह के इंजेक्शन का इस्तेमाल आपके अंदर पाई गई कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है। मरीज की कंडीशन को मद्देनजर रखते हुए, सही रिजल्ट के लिए और प्रेग्नेंसी को सपोर्ट करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। देखिए मातृत्व को पाना परीक्षा है, खासकर तब जब आप आईवीएफ उपचार की मदद से निसंतानता को मात देना चाहती हैं। इस बात में कोई शक नहीं है कि इन इंजेक्शन का साइड इफैक्ट भी है, लेकिन मानिए इससे होने वाले साइड इफैक्ट आपको शारीरीक रूप से ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा। अगर आप भी शुक्राणु संबंधी समस्या की वजह से पिता नहीं बन पा रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में आईवीएफ उपचार करवा सकते हैं।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. आईवीएफ के लिए कौन सा इंजेक्शन इस्तेमाल किया जाता है?

उत्तर- आईवीएफ उपचार के दौरान कई तरह के इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है। यह मरीज के कंडीशन पर निर्भर करता है कि किस इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाए और किस इंजेक्शन की जरूरत नहीं। आईवीएफ उपचार के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शन निम्नलिखीत हैः

  • ह्यूमन मेनोपॉज़ल गोनाडोट्रोपिन (HMG)
  • फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH)
  • ह्यूमन क्रोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG)
  • GnRH एगोनिस्ट
  • GnRH अंटागोनिस्ट
  • एलएमडब्ल्यूएच(LMWH)

प्र.2. आईवीएफ से पहले कौन सी दवा दी जाती है?

उत्तर- आमतौर पर, यह आपके डॉक्टर पर निर्भर करता है कि आपको कौन-सी दवाई देना उचित रहेगा। आईवीएफ उपचार को शुरू करने से पहले गर्भनिरोधक गोली (बीसीपी) की सलाह दी जाती है।

प्र.3. आईवीएफ के लिए कितनी इंजेक्शन होती है?

उत्तर- आईवीएफ में लगने वाले इंजेक्शन की संख्या इस बात पर निर्भर करता है कि इंजेक्शन का प्रभाव कितना बेहतर और रिजल्ट कैसा होने वाला है। आमतौर पर, आईवीएफ उपचार के लिए एक से अधिक अंडो की जरूरत पड़ती है, ताकी डॉक्टर निषेचन के लिए सही अंडो को चुन सके। मरीज को प्रतिदिन 1 से 2 इंजेक्शन और प्रति चक्र 90 शॉट लगाए जाते हैं।

प्र.4. क्या बांझपन ठीक हो सकता है?

उत्तर – हां, लेकिन यह कारण पर निर्भर करता है। 85% से 90% मामलों में, जीवनशैली में संशोधन, दवा, एआरटी या सर्जरी से बांझपन का इलाज किया जा सकता है और व्यक्ति को गर्भधारण करने की अनुमति मिल सकती है।

प्र.5. आईवीएफ कराने में कितना दर्द होता है?

उत्तर – सही मायनों में कहा जाए तो आपको आईवीएफ उपचार के दौरान उपयोग किए जाने वाले इंजेक्शन से दर्द की अनुभुती हो सकती है। लेकिन आपको एक बात समझना होगा कि यह इंजेक्शन आपके अंदर कमी को पूरा करता है, ताकी आपको सही रिजल्ट मिले और संतानप्राप्ती का सपना पूरा हो सके।

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