How is IUI treatment useful for male infertility factor in Hindi

पुरुष कारक बांझपन के लिए आईयूआई (IUI For Male Infertility in Hindi)

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जब बांझपन के मुद्दे को लेकर बात होती है तो प्रजनन उपचार विकल्पों को भी सम्मीलित किया जाता है। और इसका एक कारण है बांझपन के अलग-अलग मुद्दे जिन्हें जटिल या अनसुलझे श्रेणी में रखा जाता है। इसी श्रेणी द्वारा सवाल भी उठाए जाते हैं कि पुरुष बांझपन कारक के लिए आईयूआई उपचार कैसे उपयोगी है? अगर आप नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि आईयूआई एक प्रजनन उपचार विकल्प है, जिसके मदद से जटिल बांझपन मामलों को सरलता के साथ उपचार किया जाता है। अगर आप भी बांझपन की समस्या से ग्रसीत हैं और आईवीएफ उपचार के बारे में सोच रहे हैं तो दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ 5 आईवीएफ केंद्र (Top 5 IVF Centre in Delhi) मददगार साबित होगा।

आपको बता दें कि आज के दौर में बांझपन के सभी मामलों में पुरुष बांझपन का योगदान लगभग 40-50% है। हालांकि, भारतीय समाज में एक गलत अवधारणा है कि बांझपन की सबसे प्रमुख वजह महिला ही हो सकती है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बताते हैं। और ऐसे में जरूरत है कि लोग समझे कि पुरूष भी निसंतानता का कारण बन सकते हैं। आइए जानते हैं पुरुष बांझपन कारक के लिए आईयूआई उपचार कैसे उपयोगी है?

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पुरुष बांझपन को समझना (Understanding Male Infertility)

पुरूष बांझपन के कारक कई गतिविधीयां हो सकती है, लेकिन जब कारण पर फोकस करेंगे तो हम पायेंगे कि पुरूष बांझपन में अहम रोल शुक्राणु संबंधी समस्या का होता है। शुक्राणु उत्पादन, संख्या, गतिशीलता और गुणवत्ता जैसी समस्या, बात करें शुक्राणु को प्रभावित करने वाले कारक तो सबसे पहले धूम्रपान और शराब के सेवन को रखा जाता है। इसके अलावा भी कई कारक है, जो शुक्राणु संबंधी समस्या के लिए जिम्मेदार होते हैं। जैसे – वैरिकोसेले, हार्मोनल असंतुलन और आनुवंशिक कारक। बांझपन के इन स्थितियों को अलग-अलग मेडिकल नाम से बुलाया जाता, नाम निम्नलिखित हैः

  • ओलिगोस्पर्मिया: कम शुक्राणु संख्या
  • एस्थेनोज़ोस्पर्मिया: शुक्राणु की खराब गतिशीलता
  • टेराटोज़ोस्पर्मिया: असामान्य शुक्राणु आकृति विज्ञान

अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (आईयूआई) क्या है? (What is Intrauterine Insemination?)

आईयूआई गर्भाधान सहायक प्रजनन उपचार के तहत आने वाला एक प्रजनन उपचार है, जिसका इस्तेमाल बांझपन के दुर्लभ मामलों में किया जाता है। आईयूआई उपचार में शुक्राणु को साफ करके एक सिरिंज की मदद से ओव्यूलेशन के दौरान सीधे तौर पर महिला के गर्भाशय में डाला जाता है। आईयूआई का लक्ष्य फैलोपियन ट्यूब तक पहुंचने वाले शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाना है, जिससे निषेचन की संभावना बढ़ जाती है। सरल शब्दों में कहें तो इस उपचार प्रक्रिया में शुक्राणु को सीधे गर्भाशय में डाला जाता है, जिससे निषेचन की प्रक्रिया शरीर के अंदर ही गर्भाशय में हो जाए, और गर्भावस्था मुमकिन हो सके। प्राकृतिक निषेचन के लिए जरूरी होता है कि गर्भाशय में शुक्राणु की संख्या उचित मात्रा में हो।

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आईयूआई पुरुष बांझपन कारकों में कैसे मददगार होता है (How IUI Addresses Male Infertility Factors)

1. शुक्राणु की गुणवत्ता और एकाग्रता को बढ़ाना(Enhancing Sperm Quality and Concentration)

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है कि बांझपन के मामलों में पुरूष बांझपन की एक सहायक कारक है, और पुरूष बांझपन का मतलब है शुक्राणु संबंधी समस्या। ऐसे में आईयूआई उपचार विकल्प में शुक्राणु को गर्भाशय में डालने से पहले साफ किया जाता है, जिसे मेडिकल की भाषा में शुक्राणु को धोना कहते हैं। और धोने के बाद शुक्राणु में मौजूद दुषित पदार्थ को अलग कर दिया जाता है।

इस तरह से शुक्राणु के गुणवत्ता को उचित करके और शुक्राणु की कोशिकाओं को एकाग्र करके उसे निषेचन के लिए तैयार किया जाता है। और इस तरह से आईयूआई उपचार प्रक्रिया पुरुष बांझपन में मददगार साबित होता है। शुक्राणु एकाग्रता सबसे अहम कारक होता है, वर्ना प्रजनन अंग से निकलने के बाद शुक्राणु अपने तय रास्ते पर न चलकर, भटक जाता है।

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2. सरवाइकल बलगम की समस्या को दरकिनार करना(Bypassing Cervical Mucus Issues)

प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने के लिए जरूरी होता है कि गर्भाशय ग्रीवा का बलगम गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से गर्भाशय में शुक्राणु को प्रवेश करने के लिए सुविधाजनक स्थिति को बनाए। लेकिन कुछ स्थितियां मे पाया गया है कि गर्भाशय ग्रीवा बलगम शुक्राणु के लिए प्रतिकूल नहीं होता है या फिर शुक्राणु के लिए अभेद्य बन जाता है। जिससे शुक्राणु का अंडे तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है, और इस तरह से बांझपन की स्थिति पैदा हो जाती है।

ऐसे में जरूरी हो जाता है कि गर्भाशय ग्रीवा को बायपास किया जाए, आईयूआई सीधे शुक्राणु को गर्भाशय में जमा करके गर्भाशय ग्रीवा को पूरी तरह से बायपास कर देता है। इस तरह से आईयूआई न-सिर्फ पुरूष बांझपन कारक में मददगार साबित होता है, बल्कि गर्भावस्था को मुमकिन बनाने की संभावनाओं को भी प्रबल बनाता है। अगर आप संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ उपचार कराना चाहते हैं, तो दिल्ली में आईवीएफ चक्र की लागत (ivf cycle cost in delhi) आपके लिए किफायती होगा।

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3. समय और परिशुद्धता(Timing and Precision)

गर्भावस्था को मुमकिन करने के लिए सबसे जरूरी होती है उचित समय, कहने का मतलब है कि ओव्यूलेशन के समय शुक्राणु को फैलोपियन ट्यूब में मौजूद होना आवश्यक है। अगर आप प्राकृतिक रूप से भी गर्भधारण करना चाहती हैं तो आपको समझना होगा कि ओव्यूलेशन के दौरान फैलोपियन ट्यूब में शुक्राणु होगा तभी निषेचन प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।

आईयूआई को लेकर हमने आपको ऊपर भी बताया है कि इस उपचार की प्रक्रिया को ओव्युलेशन के दौरान किया जाता है, जिससे निषेचन की प्रक्रिया की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके। जिसका मतलब है कि आईयूआई गर्भाधान के सटीक समय की अनुमति देता है, जिससे शुक्राणु के अंडे से मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

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निष्कर्ष (Conclusion)

आईयूआई प्रजनन उपचार विकल्पों में से एक हैं, और इस उपचार कि प्रक्रियाओं पर गौर करेंगे तो हमें समझ में आएगा कि कैसे आईयूआई पुरूष बांझपन कारकों में मददगार साबित होता है। आईयूआई उपचार को आप एक बार के लिए शुक्राणु-केंद्रीत उपचार भी कह सकते हैं, क्योंकि इसमें शुक्राणु पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाता है, ताकी गर्भावस्था को सफल किया जा सके। शुक्राणु की गुणवत्ता और एकाग्रता को बढ़ाकर, ग्रीवा बलगम की समस्याओं को दूर करके और सटीक समय सुनिश्चित करके, आईयूआई सफल निषेचन और गर्भधारण की संभावना को बढ़ाता है। अगर आप भी बांझपन की समस्या से ग्रसीत हैं और आईवीएफ उपचार के बारे में सोच रहे हैं तो दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ सेंटर (Best IVF center in Delhi) मददगार साबित होगा।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (आईयूआई) क्या है और यह कैसे काम करता है?

उत्तर – अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (आईयूआई) एक तरह से प्रजनन उपचार विकल्प है, इस उपचार प्रक्रिया में शुक्राणु को एक सीरिंज के मदद से ओव्युलेशन के समय पर गर्भाशय में डाला जाता है। ओव्युलेशन के दौरान, इसलिए क्योंकि निषेचन के लिए जरूरी होता है कि ओव्युलेशन के दौरान शुक्राणु गर्भाशय में उपस्थित हो।  

2. आईयूआई कम शुक्राणु संख्या में कैसे मदद करता है?

उत्तर- आईयूआई उपचार प्रक्रिया के दौरान शुक्राणु को गर्भाशय में डालने से पहले शुक्राणु को साफ किया जाता है। मेडिकल भाषा में कहें तो शुक्राणु को धोया जाता है, और वीर्य द्रव, मृत शुक्राणु और अन्य मलबे को हटाने के लिए शुक्राणु के नमूने को संसाधित करके कम शुक्राणु गिनती में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप सबसे स्वस्थ और सबसे गतिशील शुक्राणु का एक केंद्रित नमूना प्राप्त होता है।

3. क्या आईयूआई खराब शुक्राणु गतिशीलता के लिए प्रभावी हो सकता है?

उत्तर- देखिए, इस बात में कोई शक नहीं है कि आईयूआई खराब शुक्राणु गतिशीलता में भी प्रभावी साबित हो सकता है। गतिशील शुक्राणु को केंद्रित करके और उन्हें सीधे गर्भाशय में रखकर, आईयूआई गर्भाशय ग्रीवा को बायपास करता है और शुक्राणु को यात्रा करने के लिए आवश्यक दूरी को कम करता है, जिससे सफल निषेचन की संभावना बढ़ जाती है।

4. पुरुष बांझपन के लिए आईयूआई की सफलता दर क्या है?  

उत्तर – बात करें, सफलता दर कि तो पुरुष बांझपन के लिए आईयूआई की सफलता दर महिला साथी की उम्र, बांझपन के अंतर्निहित कारण और शुक्राणु की गुणवत्ता जैसे कारकों के आधार पर भिन्न होती है। औसतन, IUI की सफलता दर प्रति चक्र 10-20% के बीच होती है।

5. आईयूआई सर्वाइकल म्यूकस की समस्या का समाधान कैसे करता है?

उत्तर – आईयूआई सीधे शुक्राणु को गर्भाशय में जमा करके गर्भाशय ग्रीवा को पूरी तरह से बायपास कर देता है, जो प्रतिकूल या अभेद्य ग्रीवा बलगम से संबंधित किसी भी समस्या को दूर करता है। यह सुनिश्चित करता है कि शुक्राणु के पास निषेचन के लिए फैलोपियन ट्यूब तक एक स्पष्ट मार्ग है।

नोट- Baby Joy IVF की सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र हैं (Best IVF Centre in Delhi) और कम लागत में  आईवीएफ उपचार की पेशकश कर रहा है। बेबी जॉय में आईवीएफ का खर्च केवल 58,000/- है। अधिक जानकारी के लिए आप आज ही कॉल करे 88-0000-1978 या www.babyjoyivf.com पर आईवीएफ सेंटर से संपर्क करें।

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