how to increase sperm health and egg quality naturally

बिना दवा के अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता कैसे सुधारें

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बायोलॉजी का एक बेसिक कांसेफ्ट है कि गर्भधारण में अंडे और शुक्राणु अहम किरदार निभाते हैं, लेकिन एक सच यह भी है कि बढ़ती उम्र के साथ प्रजनन क्षमता घटने लग जाती है। हालांकि, यह समस्या इस दौर के लिए ही है क्योंकि आज का युवा करीयर को प्राथमिकता देता है, और इस वजह से कंसीव करने की उम्र बढ़ गई है। ऐसी परिस्थिति में कई बार देखने के लिए मिला है कि जब तक कंसीव करने का समय आता है तो पता चलता है कि अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित हो चुकी है। अगर आप निसंतानता से जुझ रही हैं और इलाज करवाना चाहती हैं तो दिल्ली का सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Clinic in Delhi) आपके लिए बेहतर विकल्प रहेगा।

अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित होने कि खबर सुनने के बाद, अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि “बिना दवा के अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता कैसे सुधारें।” आसान शब्दों में कहें तो लोगों का सवाल होता है कि अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता को सुधारने के लिए प्राकृतिक या घरेलु उपाय। हालांकि, इस बात के लिए सराहना की जाने चाहिए कि आप अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हैं, और बिना दवा के अपने परेशानी को सॉल्व करना चाहते हैं। आमतौर पर, इस तरह का सवाल मरीज अपने डॉक्टर से पूछता है, और डॉक्टर भी आपको दवा से पहले कुछ अनुशासित नियमों के बारे में बताते हैं जिससे आपको सीधे तौर पर सकारात्मक असर देखने को मिलता है।

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अंडे और शुक्राणु को प्रभावित करने में कई कारकों की भागीदारी होती है, और इस तरह की शिकायत को दूर करने के भी तरीके उपलब्ध हैं।

पहले जानते हैं अंडे और शुक्राणु को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में, अंडे को प्रभावित करने में पीसीओएस, गर्भाशय फाइब्रॉएड, डिम्बग्रंथि अल्सर, गर्भाशय या अंडाशय से जुड़ी समस्या और रक्त में अंसतुलित हार्मोन का होना। शुक्राणु को प्रभावित करने वाले सबसे अहम कारक है अत्यधिक धूम्रपान और शराब का सेवन करना, और इसके वजह से सिर्फ गुणवत्ता ही प्रभावित नहीं होती है। बल्कि इसके वजह से शुक्राणु संख्या और शुक्राणु की गतिशीलता भी प्रभावित होती है, जिसके वजह संभोग के बाद शुक्राणु अपने गतिशीलता के कारण अंडाशय तक का सफर तय नहीं कर पाता है।

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अंडो के गुणवत्ता प्रभावित होने कि समस्या आप खुद को बचा सकती हैं, लेकिन इसके लिए समय रहते आपको निर्णय लेना होता है। मेडिकल साइंस के पास एक से बढ़कर एक रोग का इलाज है, और एग फ्रीजिंग उन्हीं विकल्पों में से एक है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है कि आज के दौर में युवा करीयर को प्राथमिकता देते हैं, और वर्क कल्चर की वजह से धीरे-धीरे कब गलत आदतों को पाल लेते हैं, इसका पता नहीं चलता है। ऐसे में आप समय रहते अपने एग को फ्रीज करवा सकती हैं ताकी जब भी शादी करें और परिवार पूरा करना चाहें तो आपको किसी तरह की समस्या से न जुझना पड़े।

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आइए जानते हैं बिना दवा के अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता कैसे सुधारें।

रोजाना व्यायाम करें(Daily Exercise) – अगर आप प्राकृतिक रूप से अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार लाना चाहते हैं तो आपको रोजाना व्यायाम करना होगा। रोजाना व्यायाम करने से आपका रक्त संचालन सही हो जाता है और इससे अंडे और शुक्राणु गुणवत्ता में सुधार हो जाती है। रोजाना व्यायाम के तौर पर आप योग, मेडिटेशन और हल्का शारीरीक व्यायाम कर सकते हैं। आपको यह बात समझना होगा कि रोजाना व्यायाम आपको सक्रिय रखता है और आपको उर्जा को बढ़ाती है। इसके अलावा व्यायाम आपको शारीरीक और मानसिक रूप मजबूत बनाता है। अत्यधिक वजन होना या फिर मोटापा भी अंडो के गुणवत्ता को प्रभावित करता है और ऐसे में रोजाना व्यायाम आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

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हानिकारक पदार्थों से बचें(Avoid harmful substances) – जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है कि शराब और धूम्रपान का अत्यधिक सेवन आपको एकाधिक रूप से प्रभावित करता है। शराब और धूम्रपान का अत्यधिक सेवन हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ अंडो और शुक्राणु को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। इसके अलावा नशीले पदार्थों का सेवन हमें शारीरीक और मानसिक तौर पर भी कमजोर करता है, और साथ में हमें विभिन्न रोगों का घर बना देता है। जिसमें कैंसर सबसे प्रभावी रोगों में से एक है, और आपको बता दें कि अगर एक बार कैंसर रोग से ग्रसीत हो गए तो इसका इलाज भी, जैसे – कीमोथेरेपी….आपके अंडे और शुक्राणु पर नकारात्मक असर डालता है।  

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स्वस्थ वजन बनाये रखें(Maintain Healthy Weight) – अत्यधिक वजन होने से ही आप रोजाना दिनचर्या कई तरह की समस्याओं से रुबरू होते हैं। ऐसा कहना कि अत्यधिक वजन होना, अंडो और शुक्राणु की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है तो अधिमूल्यांकन हो जाएगा। लेकिन यह सच है कि अत्यधिक वजन होने से अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित करता है। इन्हीं कारणों के वजह से आपको रोजाना व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। अगर आप बढ़े हुए वजन के साथ मातृत्व को प्राप्त करना चाहती हैं तो आपके लिए चुनौती दोगुनी होने वाली है, और इस वक्त पर कंसीव कर पाना भी एक सवाल होता है क्योंकि अत्यधिक वजन की वजह से गर्भपात की समस्या बनी रहती है।

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पौष्टीक आहार का सेवन(Consuming Nutritious Food) – जंक और फास्ट फुड के इस दौर में भारत के युवाओं ने पौष्टीक आहार को कहीं पीछे छोड़ दिया है, बावजूद यह जानते हुए कि जंक या फास्ट फुड का सेवन सीधे तौर पर हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और गुजरते वक्त के साथ हमारे शरीर को रोगों से भर देता है। इसके अलावा जंक और फास्ट फुड का सेवन हमारे प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है, जिसके वजह से कपल्स को निसंतानता से जुझना पड़ता है। इन सभी दिक्कतों से बचने के लिए आपको पौष्टीक आहार को अपने रोजाना डाइट का हिस्सा बनान होगा।

यह प्रमाणित है कि अंडो और शुक्राणु की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए आपको पौष्टीक आहार का सेवन करना चाहिए। पौष्टीक आहार में सभी तरह के तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर और स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। ऐसे में पौष्टीक आहार का सेवन आपके स्वास्थ्य और शरीर दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

तनाव से दूर रहें(Stay Away From Stress) – आमतौर पर, जब किसी कपल को यह पता चलता है कि अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता की वजह से उन्हें निसंतानता से जुझना पड़ रहा है तो उनके लिए यह काफी तनावपूर्ण हो जाता है। हालांकि, ऐसी परिस्थिति में ज्यादा सोच-विचार और तनाव में रहना आपके मानसिक स्वास्थ्य और अंडो के लिए सही नहीं होता है। इस वक्त पर आपको शांत रहना चाहिए और तनाव से दूर रहना चाहिए।

अगर आप भी अंडो और शुक्राणु संबंधी समस्या से ग्रसीत हैं और आईवीएफ इलाज से संतानप्राप्ती चाहती हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए उचित रहेगा।

निष्कर्ष (Conclusion)

कुल मिलाकर कहा जाए तो अगर आप अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता के प्रभावित होने से चिंतित हैं तो आपको अनुशासित जीवन की ओर अग्रसर होना चाहिए। अनुशासित जीवन का हिस्सा है: रोजाना व्यायाम करना, हानिकारक पदार्थों से दूर रहें, पौष्टीक आहार का सेवन करें, स्वस्थ वजन बनायें रखें और तनाव से दूर रहें। ऐसा करने से आप प्राकृतिक रूप से अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार कर पायेंगे, ताकी कंसीव करने में आपको कोई दिक्कत न आए।

अगर आप प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करना चाहती हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है तो आप इस अनुशासित जीवन का पालन कर सकती हैं। ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। अगर आप निसंतानता से जुझ रही हैं और इलाज करवाना चाहती हैं तो दिल्ली का सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) आपके लिए बेहतर विकल्प रहेगा।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता कैसे बढ़ाएं?

उत्तर- अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए आपको कुछ कारकों पर काम करना होगा, जिसके बाद ही आप गुणवत्ता बढ़ाने में सफल हो पाएंगे। कारक निम्नलिखित हैं:

  • रोजाना व्यायाम करना,
  • हानिकारक पदार्थों से दूर रहें,
  • पौष्टीक आहार का सेवन करें,
  • स्वस्थ वजन बनायें रखें
  • और तनाव से दूर रहें।

 प्र.2. ऐसे कौन से 5 खाद्य पदार्थ हैं जो अंडे की गुणवत्ता में सुधार करते हैं?

उत्तर- अंडे की गुणवत्ता सुधारने वाले खाद्य पदार्थ के तौर पर आप पौष्टीक आहार को अपने रोजाना डाइट का हिस्सा बना सकती हैं। इसके अलावा भी कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो अंडे की गुणवत्ता की सुधार में मददगार हो सकते हैं…निम्नलिखित हैः

  • सुखे मेवे
  • एवोकाडौ
  • जामुन
  • दालचीनि
  • हरी सब्जी  

प्र.3. स्पर्म काउंट रिजल्ट कैसे पढ़ें?

उत्तर- स्पर्म काउंट का रिजल्ट आप बुनिययादी जरूरत पूरी होने या न होने पर निर्भर करता है। अगर प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन शुक्राणु या प्रति स्खलन 39 मिलियन शुक्राणु से कम होता है तो यह आपके लिए परेशानी का सबब है। और स्पर्म काउंट कम होने का मतलब है, प्रजनन क्षमता पर असर पड़ना।  

प्र.4. आपको कैसे पता चलेगा कि आपकी प्रजनन क्षमता अधिक है?

उत्तर – नियमित मासिक धर्म चक्र और उच्च एंट्रल फॉलिकल काउंट उच्च प्रजनन क्षमता के संकेत हैं। पेरिमेनोपॉज़, फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस गर्भधारण और गर्भावस्था को बनाए रखना अधिक कठिन बना सकते हैं।

प्र.5. सफल आरोपण के लक्षण क्या हैं?

उत्तर – कुछ महिलाओं को संकेत और लक्षण के बिना ही प्रत्यारोपण हो जाता है। बात करें संकेतों कि तो हल्का रक्तस्राव, ऐंठन, मतली, सूजन, स्तनों में दर्द, सिरदर्द और मूड में बदलाव जैसे लक्षण देखने के लिए मिलता है। 

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