बच्चेदानी में सूजन क्या है? और इसका इलाज। Bulky Uterus in Hindi – जानिए बच्चेदानी में सूजन का इलाज
आप में से बहुत ही कम लोगों को मोटे गर्भाशय या फिर बच्चेदानी में सूजन के बारे में पता होगा। दरअसल मोटे गर्भाश्य या बच्चेदानी में सूजन एक ही बात है और महिलाओं में यह बहुत ही सामान्य रूप से पाया जाता है। बच्चेदानी में सूजन अक्सर उन महिलाओं में देखने के लिए मिलती जिनका मासिक धर्म रूक गया हो। सरल भाषा में कहें तो जो महिलाएं मेनोपॉज में प्रवेश कर जाती हैं उन्हें इन समस्याओं से जुझना पड़ता है। ऐसे में हर किसी का सवाल होता है कि बच्चेदानी में सूजन क्या है? और इसका इलाज। अगर आप भी इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में इसका इलाज करवा सकते हैं।
बच्चेदानी में सूजन कई बार 11 वर्षीय कन्याओं में देखने के लिए मिला है, लेकिन ऐसा होना बहुत ही दुर्लभ है। बच्चेदानी में सूजन की समस्या होने पर आपको कुछ सामान्य लक्षण दिखेगा, जैसे – पेट का बढ़ना, पेट और कमर दर्द और कब्ज जैसे कई समस्या सूजन के मामले में लक्षण होते हैं। जिससे पता चलता है कि आप मोटे गर्भाशय से ग्रसीत हैं।
आइए जानते हैं बच्चेदानी में सूजन क्या है? और इसका इलाज। Bulky Uterus in Hindi – जानिए बच्चेदानी में सूजन का इलाज
बच्चेदानी में सूजन क्या है(What is Bulky Uterus in Hindi)
बच्चेदानी में सूजन का मतलब है कि गर्भाशय का आकार बढ़ जाना। दरअसल, बच्चेदानी में सूजन एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें किसी संक्रमण की वजह से गर्भाशय के भीतरी हिस्से का आकार बढ़ जाता है। बच्चेदानी में सूजन को दूसरे शब्दों में “मोटे गर्भाशय”, “गर्भाशय में सूजन”, बल्की यूटरस(Bulky Uterus) या फिर एंडोमेट्रैटिस (Endometritis) भी कहते हैं।
हालांकि, यह समस्या आपको ज्यादा प्रभावित नहीं करता है लेकिन समय रहते इसका इलाज करवा लेना उचित रहेगा। वर्ना आगे चलकर मोटे गर्भाशय की वजह से प्रजनन अंगों, प्रजनन क्षमता, और सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। महिलाओं की गर्भाशय का आयाम सामान्य रूप में 8 सेमी x 5 सेमी x 4 सेमी (लगभग 3 से 4 इंच x 2.5 इंच) होता है। लेकिन गर्भाशय का आकार अपेक्षा से ज्यादा बढ़ जाता है, जो इंगीत करता है कि गर्भाशय सामान्य से बड़ा है और यह बच्चेदानी में सूजन के तरफ इशारा करता है।
बच्चेदानी में सूजन का लक्षण(Symptoms of Bulky Uterus in Hindi)
इस समस्या में लक्षण को लेकर ऊपर भी बात की गई है। बच्चेदानी में सूजन के कई आम लक्षण है जो आपको सामान्य रूप से देखने के लिए मिल जाएगा। बच्चेदानी मे सूजन का मतलब है कि गर्भाशय भीतरी हिस्से में समस्या, ऐसे में आपको ज्यादातर लक्षण पेट संबंधी विकार के रूप में हि देखने के लिए मिलता है।
- कब्ज़
- पेट में सूजन
- असामान्य योनि स्राव
- पैल्विक या पेट दर्द
- बुखार या ठंड लगना
- संभोग के दौरान दर्द
- बीमारी का सामान्य एहसास
- योनि से असामान्य रक्तस्राव
- मल त्याग करते समय असुविधा
- अस्वस्थ या अत्यधिक थकान महसूस करना
बच्चेदानी में सूजन का कारण(Causes of Bulky Uterus in Hindi)
बच्चेदानी में सूजन का कारण आपके प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है और आपको बांझपन की तरफ धकेलता है। आमतौर पर, महिला के गर्भाशय के प्रवेश द्वार पर गर्भाशय ग्रीवा होती है जो गर्भाशय में बैक्टीरिया को आने से रोकता है। लेकिन प्रसव के बाद गर्भाशय ग्रीवा खुली रह जाती है, और गर्भाशय में बैक्टीरिया प्रवेश करती है जो बच्चेदानी में सूजन का कारण बनती है।
बच्चेदानी मे सूजन के कुछ आम कारण संकुचित कपड़े पहनना, अधिक भोजन करना और शारीरिक श्रम न करना शामिल है।
आईए जानते है कारणों को
रसौली(Fibroids) – यह एक सामान्य तरह का गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर है जो गर्भाशय के मांसपेशियों में गांठ रुप में बढ़ता है, और इस रोग के लक्षण भी आपको पता नहीं चलता है। ज्यादातर मामलों में इसका सामान्य रूप से इलाज हो जाता है लेकिन कुछ मामलों में सर्जरी करना पड़ता है।
मेनोपॉज(Menopause) – आमतौर पर, जब महिलाओं में मासिक धर्म बंद हो जाता है तो वो मेनोपॉज के तरफ बढ़ने लगती है। और ऐसा माना जाता है कि मेनोपॉज में प्रवेश करने के बाद बच्चेदानी मे सूजन का कारण बनता है।
हॉर्मोनल परिवर्तन(Hormonal Changes) – हॉर्मोनल परिवर्तन के वजह से कई तरह की समस्या उत्पन्न होने लगती है। हॉर्मोनल परिवर्तन के वजह गर्भाशय में सिस्ट बन जाता है जिसके वजह से पीसीओएस की दिक्कत हो जाती है। बच्चेदानी मे सूजन का एक कारण पीसीओएस भी है।
एंडोमेट्रियल कैंसर(Endometrial Cancer) – गर्भाशय के कैंसर भी एक कारण हो सकता है जिसके वजह गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है, और बच्चेदानी मे सूजन की समस्या होती है।
बच्चेदानी में सूजन का इलाज(Treatment of Bulky Uterus)
हमने अभी तक जान लिया है कि बच्चेदानी में सूजन के लक्षण, कारण के बारे में, जिस तरह से बच्चेदानी में सूजन के कारण अलग-अलग है। ठीक वैसे ही बच्चेदानी में सूजन का इलाज भी कारण और आकार पर निर्भर करता है। आमतौर पर, इस तरह की समस्या आपको ज्यादा प्रभावित नहीं करता है लेकिन वक्त रहते उपचार आपके लिए जीवन को आसान बना सकता है। हालांकि, ऐसे मामलों में इलाज को कंफर्म करने से पहले आपके डॉक्टर तय करते हैं कि आपके लिए इलाज के तौर पर क्या उचित रहेगा।
दवाइयां(Medicine) – आपका परीक्षण करने के बाद डॉक्टर आपके कंडीशन को देखते हुए आपको दवाइयों की सलाह दे सकते हैं। अगर बच्चेदानी में सूजन ज्यादा बढ़ने से पहले पता लगा लेते हैं तो यह समस्या सिर्फ दवाओं से भी ठीक हो सकती है।
सर्जरी(Sugery) – अगर बच्चेदानी में सूजन को जानने में देर हो चुका है और अब इसका आकार काफी बढ़ गया है तो ऐसे में डॉक्टर सर्जरी के माध्यम से इसे गर्भाशय से बाहर निकालते हैं।
हॉर्मन थेरेपी(Hormone Therapy) – हमने अभी कारणों में जाना कि बच्चेदानी में सूजन की एक वजह हॉर्मोनल परिवर्तन भी है। ऐसे में अगर आपके डॉक्टर आपको हॉर्मन थेरेपी की सलाह देते हैं तो आप इस उपचार प्रक्रिया के बारे मे सोच सकते हैं।
आप भी अगर इनफर्टिलिटी की समस्या का इलाज करवाना चाहती हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए उचित रहने वाला है, और बेबी जॉय आईवीएफ सेंटर में अभी इलाज करवाने पर ऑफर भी उपलब्ध है।
निष्कर्ष(Conclusion)
बच्चेदानी में सूजन हॉर्मोनल परिवर्तन, फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियल कैंसर जैसे कई कारणों के वजह से होता है, और यह सूजन गर्भाशय के बढ़े हुए आकार को संदर्भित करता है। इसके लक्षण के तौर पर पेट दर्द, कब्ज और असामान्य योनि स्राव जैसे कई और लक्षण हैं। इसके उपचार प्रक्रिया में शामिल है दवाएं, सर्जरी या हार्मोन थेरेपी लेकिन कौन-सा उपचार आपके लिए उचित रहेगा…यह गर्भाशय के बढ़े हुए आकार पर निर्भर करता है। सही निदान और उपचार के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अगर आप भी इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में इसका इलाज करवा सकते हैं।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1. भारी गर्भाशय का सबसे अच्छा इलाज क्या है?
उत्तर- भारी गर्भाशय का सबसे अच्छा इलाज निर्भर करता है कि इस समस्या का कारण क्या है। अगर इस समस्या का कारण हॉर्मोनल परिवर्तन है तो आप अपने डॉक्टर की सलाह से हॉर्मन थेरेपी उपचार के बारे में सोच सकते हैं।
प्र.2. बल्की यूटरस का क्या इलाज है?
उत्तर- बल्की यूटरस का इलाज उसके आकार पर निर्भर करता है। अगर बल्की यूटरस के बारे में शुरुआत में पता चल गया है तो दवाओं से काम चल जाएगा, लेकिन आकार बढ़ गया है तो सर्जरी एकमात्र विकल्प है।
प्र.3. गर्भाशय में सूजन कैसे कम करें?
उत्तर- गर्भाशय में सूजन को कम करने, लक्षणों को प्रबंधित करने या फिर फाइब्रॉएड को घटाने के लिए हार्मोनल थेरेपी, नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) या एंटीबायोटिक्स जैसी दवाएं निर्धारित किया जा सकता हैं।
प्र.4. बच्चेदानी में सूजन हो तो कौन सा योग करना चाहिए?
उत्तर- काऊ फेस पोज महिलाओं के गर्भाशय में सूजन वाली प्रोस्टेट ग्रंथियों और अंडाशय के लिए फायदेमंद होता है। इसे करने के लिए सबसे पहले सुखासन की स्थिति में बैठकर अपने बाएं पैर की एड़ी को दाहिने हिप के पास और दाहिने पैर को बाई जांघ के ऊपर से क्रॉस करते हुए दूसरे घुटने के पास ले जाएं।
प्र.5. यूटरस का आकार कितना होना चाहिए?
उत्तर- आपका गर्भाशय ऊपर से नीचे तक लगभग 3 इंच और सबसे चौड़े हिस्से पर 2 इंच चौड़ा होता है। यह लगभग 1 इंच मोटा होता है और इसका वजन लगभग 1 औंस(Ounce) होता है।