आईवीएफ की सफलता के लिए 30-दिवसीय मार्गदर्शिका: आहार, रसायन, लिंग, और बहुत कुछ (The 30-Day Guide to IVF Success: Diet, Chemicals, Sex, and More)
किसी भी महिला के लिए मां बनना उसके जीवन का सबसे बेहतरीन फेज होता है। लेकिन बढ़ते समय के साथ महिलाओं में इनफर्टिलिटी और गर्भपात जैसी समस्या बिल्कुल कॉमन हो गई है। ऐसे में महिला के लिए गर्भधारण करने का एकमात्र उपाय आईवीएफ है, आज के समय में 8 में से 1 महिला को गर्भधारण करने के लिए एआरटी की सहायता लेनी पड़ती है। अगर आप आईवीएफ इलाज के लिए तैयार हो गई हैं तो आपको कई अहम बातों का ध्यान रखना होगा क्योंकि आईवीएफ की सफलता सिर्फ इलाज पर ही निर्भर नहीं करती है, बल्कि आप और आपके पार्टनर के रहन-सहन, दिनचर्या और खान-पान पर भी काफी हद तक निर्भर करता है। अगर आपको भी गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही है तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में आकर चेकअप करवा सकती हैं।
आईवीएफ इलाज से पहले कपल का चेकअप किया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि महिला का अंडाशय सक्षम है कि नहीं, और पुरुष के स्पर्म की भी जांच कि जाती है ताकी स्पर्म काउंट, गुणवत्ता और कमी के बारे में पता किया जा सके। इस चेकअप से निकलने वाले रिजल्ट के बाद अगर कोई कमी या समस्या निकलता है तो डॉक्टर कपल का मार्गदर्शन करते हैं, और समय देते हैं कि ताकी उस कमी को दूर किया जा सके। इसके बाद ही आईवीएफ की सफलता का चांस भी बढ़ जाता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे आईवीएफ की सफलता के लिए 30-दिवसीय मार्गदर्शिका: आहार, रसायन, लिंग, और बहुत कुछ। अगर आप भी इलाज से पहले मार्गदर्शन चाहती हैं तो दिल्ली के आईवीएफ केंद्र (IVF Centre in Delhi) के अनुभवी डॉक्टर की मदद ले सकते हैं।
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आईवीएफ चक्र
आईवीएफ चक्र एक प्रक्रिया की तरह होता है, जिसमें आपको कई सारे स्टेज से होकर गुजरना पडता है और उस दौरान पूरी तरह से अनुशासित होकर रहना पड़ता है। इन स्टेज में आपका चेकअप से लेकर, आपके शारीरीक क्षमता को बढ़ाने में फोकस किया जाता है। ताकी गर्भधारण करने में कोई दिक्कत नहीं हो और आईवीएफ इलाज भी सफल हो। अगर आप भी आईवीएफ इलाज करवाना चाहते हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए किफायती साबित होगा, और अगर आप अभी इलाज करवाते हैं तो बेबी जॉय आईवीएफ एंड फर्टिलिटी सेंटर में आपको भारी छुट मिल सकती है।
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तैयारी
आईवीएफ चक्र के शुरु होने से पहले चेकअप के बाद, आपको तैयार करने की प्रक्रिया शुरु होती है। जिसमें आपको मानिसक, शारीरीक और अनुशासित रखने के लिए कुछ कदम उठाये जाते हैं और ये सभी प्रक्रिया विशेषज्ञ की सहमती से होती है। यह प्रक्रिया आईवीएफ चक्र से 2 से 4 सप्ताह पहले शुरू हो जाती है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि आपके स्वस्थ जीवन के लिए रहन-सहन में छोटे-छोटे बदलाव करना उचित है कि नहीं, और इस चरण के बाद आने वाले चरण और भी आसान हो जाते हैं।
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आईवीएफ चरण 1
आमतौर पर, स्टेज 1 में एक दिन का काम होता है। आईवीएफ चक्र की शुरुआत या आपके मासिक धर्म का पहला दिन, सामान्य रूप से आपके आईवीएफ उपचार के निर्धारित समय के नजदीक होता है। और ऐसे में, आपको अपनी आने वाली मासिक धर्म पर कड़ी नज़र रखनी जरूरी है।
आईवीएफ स्टेज 2
आईवीएफ चक्र का दूसरा चरण 3 से 12 दिनों के बीच में परफॉर्म किया जाता है। इस दौरान आपके प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए दवाएं दी जाती हैं जो डिम्बग्रंथि उत्तेजना में मदद करती हैं। इस प्रक्रिया के बाद अंडाशय सामान्य से अधिक अंडे का उत्पादन करने लगता है।
आईवीएफ चरण 3
आपको “गर्भावस्था हार्मोन” या ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) का एक इंजेक्शन दिया जाएगा। आमतौर पर यह इंजेक्शन हार्मोनल उत्तेजना के लिए दिया जाता है, ताकी अंडाशय के उत्पादन और अंडे निर्माण में मदद मिले।
आईवीएफ चरण 4
एक दिन में पूरा होने वाले इस चरण में दो भाग होते हैं। पहला आपका साथी (या फिर डोनर) पहले ही शुक्राणु प्रदान कर चुका होगा या करने वाला होगा और साथ में डॉक्टर आपके अंडे निकाल रहे होंगे। किसी भी तरह से, ताजा अंडे कुछ ही घंटों में निषेचित हो जायेंगे। इसी के साथ आपको प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन दिया जाएगा। यह हार्मोन आपके स्वस्थ गर्भावस्था को तैयार करने में मददगार साबित होता है। जिससे गर्भपात की संभावना कम हो जाती है।
आईवीएफ चरण 5
भ्रूण को तैयार करने के बाद, एक सप्ताह के भीतर स्वस्थ भ्रूण को वापस गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
आईवीएफ चरण 6
इस चरण में अस्पताल बुलाकर महिला का चेकअप किया जाता है कि आईवीएफ इलाज ने असर दिखाया की नहीं। बीज अकुंरित हुआ कि नहीं, अगर इलाज सफल रहता है तो रिपोर्ट पॉजीटिव आती है। जिससे पता चलता है कि इलाज सफल रहा और गर्भधारण भी हो चुका है।
क्या खाना चाहिए?
आईवीएफ चक्र के दौरान आपको स्वस्थ और संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए। एक शोध के अनुसार पता चला है कि मेडिटेरेनियन डाइट(प्लांट-बेस्ड डाइट) उन महिलाओं में आईवीएफ की सफलता दर में सुधार कर सकता है। खासकर, जो 35 वर्ष से कम उम्र की हैं और जिनका वजन अधिक नहीं है और नाही मोटापा से ग्रसीत है।
आईवीएफ के दौरान वर्कआउट कैसे करें?
आईवीएफ इलाज के दौरान महिला को बहुत कड़ी वर्कआउट करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान आप वर्कआउट न करें। आप अपने डेली वर्कआउट को निरंतर रूप से लेकर चल सकती हैं। जैसे – हल्की जॉगिंग, लंबी पैदल यात्रा और योग।
निष्कर्ष
अगर सरल भाषा में कहें तो, आईवीएफ एक प्रक्रिया जो उन कपल को मदद करता है जिनको गर्भधारण करने में असमर्थ होते हैं। इस इलाज में कई स्टेज शामिल होते हैं जैसे – तैयारी, हार्मोन इंजेक्शन, अंडा पुनर्प्राप्ति, भ्रुण स्थानांतरण और गर्भावस्था की जांच करना। स्वस्थ रहना, पौष्टीक भोजन का सेवन करना, शारीरीक तौर पर सक्रिय रहना और अनुशासित जीवन जीने से आईवीएफ के सफल होने की उम्मीद ज्यादा रहती है। हालांकि, आईवीएफ इलाज करवाने से पहले आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप किसी अनुभवी डॉक्टर से संपर्क कर लें। इस बात को याद रखें कि, मां बनना एक महिला के जीवन का सबसे बेहतरीन पल होता है, और आईवीएफ उन लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है जो इनफर्टिलिटी की समस्या से गुजर रहे हैं।