PCOD kaise hota hai

पीसीओएस(PCOS) के कारण प्रेग्नेंसी में प्रॉब्लम क्यों होती है

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पीसीओएस एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें एक महिला के प्रजनन क्षमता को धीरे-धीरे प्रभावित करता है, और बांझपन की तरफ धकेलता है। ऐसे में पीसीओएस(PCOS) के कारण प्रेग्नेंसी में प्रॉब्लम क्यों होती है? सवाल का उठना लाजमी है। रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के प्रकाशित एक सर्वे के अनुसार अमेरिका में 12% महिलाओं ने बताया है कि पीसीओएस इलाज के बिना गर्भधारण करने में दिक्कत होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पीसीओएस इतनी बड़ी समस्या है? अगर आप पीसीओएस से ग्रसीत हैं और इलाज करवाना चाहते हैं तो दिल्ली का सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

आपको एक बात समझना होगा कि रोग कोई भी हो इलाज जरूरी है, और समय के साथ करवाना चाहिए वर्ना छोटा सा दिखने वाला घाव भी कैंसर जैसी बीमारीयों की वजह बन सकता है। एक सच यह भी है कि पीसीओएस का इलाज समय से करवा लेने पर आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा, वर्ना आगे चलकर आपको संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ की मदद लेनी पड़ सकती है। भारत में ज्यादातर महिलाओं को पीसीओएस के बारे में पता ही नहीं, बल्कि पीसीओएस महिलाओं में पाई जाने वाली एक सामान्य रोग है।

पीसीओएस आपको मानसिक और शारीरीक दोनों रूप से प्रभावित करता है। पीसीओएस सिर्फ एक आम बीमारी नहीं है, बल्कि सही मायनों में यह और भी कई बीमारीयों की जड़ है। इसके वजह से सिस्ट जैसी समस्याओं का भी डर रहता है। हालांकि, एक बात जिसपर आपको ध्यान देने की जरूरत है कि पीसीओएस के लक्षण बहुत ही सामान्य और अंचभीत करने वाले होते हैं। जैसे मासिक धर्म का रूक जाना, शरीर में बाल अत्यधिक बढ़ना और त्वचा का काला पड़ना जैसे कई लक्षण आपको सामान्यतः देखने के लिए मिलेगा।

पीसीओएस(PCOS) के कारण प्रेग्नेंसी में प्रॉब्लम क्यों होती है? इस सवाल का जवाब आपको पीसीओएस के बारे में और भी विस्तार से जानने का मौका देगा, ताकी आप उन गलतीयों से बच सकें जिसके कारण आपको पीसीओएस जैसे रोग से जुझना पड़ सकता है। आईए, जानते हैं पीसीओएस(PCOS) के कारण प्रेग्नेंसी में प्रॉब्लम क्यों होती है?

पहले जानते हैं पीसीओएस क्या है (What is PCOS)

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, या पीसीओएस एक सामान्य हार्मोनल स्थिति है, जो महिलाओं में बहुत ही सामान्य है। इस सामान्य हार्मोनल स्थिति में महिलाएं सामान्य से अधिक मात्रा में पुरुष हार्मोन का उत्पादन करती हैं। इस रोग से ग्रसीत होने के बाद महिलाओं के अंडाशय से एण्ड्रोजन(पुरूष हार्मोन) उत्पादन करता है। जिसके वजह से भी ओवेरी में सिस्ट का निर्माण होता है, और इस असंतुलित हार्मोन के कारण महिलाओं में मासिक धर्म नहीं आता है जिसकी वजह से महिलाओं में बांझपन की शिकायत देखने को मिलता है।

हालांकि, ऐसा नहीं है कि आप पीसीओएस से ग्रसीत होने के बाद मां नहीं बन सकती है लेकिन आपको इसके लिए खुद पर विशेष ध्यान देना होगा। क्योंकि ऐसा पाया गया है कि महिलाओं में पीसीओएस की मुल समस्या का कारण प्रदुषण, अनुशासनहीन जीवनशैली, फास्ट फुड का सेवन करना, और हार्मोन बदलने वाली दवा हैं। ऐसे में आपके लिए जरूरी हो जाता है कि अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें, और अनुशासित जीवन की ओर अग्रसर हो। इसके बाद ही आईवीएफ इलाज भी आपके लिए मददगार साबित हो पायेगा।

पीसीओएस(PCOS) के कारण प्रेग्नेंसी में प्रॉब्लम क्यों होती है? को जानने से पहले हमें यह जानना होगा कि पीसीओएस की समस्या किस कारण से होती है। फिर यह समझना आसान हो जाएगा कि पीसीओएस गर्भधारण के लिए मुसिबत क्यों है?

पीसीओएस के कारण (Reason of PCOS)

पीसीओएस के कुछ सामान्य कारणों के बारे में हमने आपको ऊपर बताया है, लेकिन इस रोग के कुछ मुख्य कारण भी हैं जो इस तरह के रोग को हमारे शरीर के अंदर पनपने में मददगार साबित होते हैं। आपको यह भी बता दें कि पीसीओएस रोग में एण्ड्रोजन(जो की एक पुरूष हार्मोन है) का अहम रोल होता है।   

निम्न-श्रेणी की सूजन(Low-grade inflammation) – महिलाओं में पाया जाने वाला पीसीओएस की एक वजह यह भी है। निम्न-श्रेणी की सूजन को लेकर किए गए शोध में पता चला है कि पीसीओएस से ग्रसीत महिलाओं में निम्न-श्रेणी की सूजन की शिकायत होती है। और एण्ड्रोजन उत्पादन के लिए इसे जिम्मेदार माना जाता है।  

अतिरिक्त इंसुलिन उत्पादन(Excess insulin production) – सही मायने में कहा जाए कि पीसीओएस की एक वजह शरीर में अतिरिक्त इंसुलिन उत्पादन का है। महिलाओं के शरीर में इंसुलिन के स्तर के बढ़ने का मतलब है कि एस्ट्रोजन का उत्पादन बढ़ना, और एस्ट्रोजन के बढ़ने से ओवुलेशन में दिक्कत होती है। ओवुलेशन में दिक्कत का मतलब है कि अंडो के उत्पादन में दिक्कत।   

अतिरिक्त एण्ड्रोजन उत्पादन(Excess androgen production) – आमतौर पर एण्ड्रोजन एक पुरूष प्रजनन हार्मोन है, और महिलाओं के शरीर में इसका अतिरक्त उत्पादन आपको नुकसान पहुंचा सकता है। उच्च एण्ड्रोजन स्तर वाली महिलाओं में मुंहासे, चेहरे पर बाल और कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

पीसीओएस(PCOS) के कारण प्रेग्नेंसी में प्रॉब्लम क्यों होती है?(Why does PCOS cause problems in pregnancy?)

अबतक आप समझ गए होगें कि क्यों पीसीओएस प्रेग्नेंसी के लिए एक समस्या का विषय है। जैसे-जैसे पीसीओएस शरीर में बढ़ता जाता है, एस्ट्रोजन और एण्ड्रोजन हार्मोन का उत्पादन बढ़ेगा, और जैसे-जैसे एस्ट्रोजन और एण्ड्रोजन हार्मोन बढ़ेगा आपके प्रजनन क्षमता को प्रभावित करना शुरू कर देगा। ओवुलेशन को प्रभावित करने से लेकर मासिक धर्म को रोकने तक, पीसीओएस का समय पर इलाज न करवाने पर धीरे-धीरे आपका प्रजनन क्षमता पर असर डालता रहेगा।

आपको ऊपर कुछ कारणों और लक्षणों के बारे में बताया गया है। अगर आप संतानप्राप्ती के बारे में सोच रहे हैं तो आपको लिए जरूरी हो जाता है कि इन कारणों और लक्षणों पर ध्यान देंगे। इस तरह के उपाय से आप पीसीओएस जैसे बीमारी से दूर रहेंगे, और आपके परिवार पूरा करने का सपना भी पूरा होगा।

अगर आप भी पीसीओएस से ग्रसीत हैं और आईवीएफ इलाज से संतानप्राप्ती चाहती हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए उचित रहेगा।

निष्कर्ष (Conclusion)

पीसीओएस प्रेग्नेंसी में बाधा बन सकती है जिसके वजह से आपको बांझपन से जुझना पड़ सकता है। एस्ट्रोजेन का अत्यधिक उत्पादन शरीर में सुजन का कारण बनता है जिससे अनियमित मासिक धर्म और  ओवुलेशन को मुश्किल बना देता है। आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप पीसीओएस के मुल कारणों को जानें, और उसे बेहतर करें। जैसे स्वस्थ जीवन जीना और हार्मोनल स्तर को सामान्य रखना ताकी आपकी प्रजनन क्षमता बेहतर हो और प्रेग्नेंसी को लेकर कोई संकट न आए।

अगर पीसीओएस से ग्रसीत हैं और इलाज करवाना चाहते हैं तो दिल्ली का सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. क्या पीसीओएस प्रेगनेंसी में समस्या पैदा करता है?

उत्तर- हां, अगर कोई महिला पीसीओएस से ग्रसीत है तो उनके प्रग्नेंसी दोहरी चैलेंज होने वाली है। पीसीओएस प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। पीसीओएस में ओवुलेशन पर असर पड़ता है और मासिक धर्म तक रूक जाते हैं।    

प्र.2. क्या पीसीओएस के मरीज आसानी से प्रेग्नेंट हो जाते हैं?

उत्तर- आप गर्भधारण कर सकती है लेकिन आपको कुछ खास बातों पर ध्यान देना होगा। आपका अपना सामान्य वजन बनाये रखना हैं, पौष्टीक आहार का सेवन करें और अनुशासित जीवन की ओर अग्रसर हों।

प्र.3. पीसीओएस कितने दिन में ठीक होता है?

उत्तर- आमतौर पर, इस बीमारी का इलाज एक ही दिन में हो जाता है लेकिन आने वाले 5-7 दिन तक आप अपने ऊपर किसी भी शारीरीक और मानसिक दबाव न डालें।  

प्र.4. पीसीओएस का लक्षण क्या है?

उत्तर- पीसीओएस के कई सारे लक्षण है: बहुत कम, सामान्य से अधिक समय तक होना या फिर मासिक धर्म नहीं आना टेस्टोस्टेरोन जैसे पुरुष हार्मोन का उच्च स्तर होना मुँहासों का फूटना चेहरे पर बाल आना और अन्य स्थानों पर अतिरिक्त बाल आना

प्र.5. पीसीओएस निदान के लिए घरेलु उपाय?

उत्तर- पीसीओएस को ठीक करने के लिए घरेलु उपाय तो मुश्किल है, लेकिन इससे प्रभावित होने वाला प्रजनन क्षमता के ठीक करने के लिए घरेलु उपाय ऊपर आर्टिकल में बताया हुआ है।

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