
आईवीएफ क्या होता है? Everything You Should Know About IVF Treatment in Hindi
प्रजनन उपचार के बारे में जब भी बात कि जाती है तो आईवीएफ के योगदान को सर्वोपरि रखा जाता है। सहायक प्रजनन उपचार के अंतर्गत आने वाला आईवीएफ उपचार ने लाखों कपल्स के संतानप्राप्ती जैसे सपने को साकार किया है। लगभग दो दशक से आईवीएफ उपचार लोगों के बीच में अपनी जगह बनाने में लगा है, लेकिन आज भी समाज का एक भाग ऐसा है जिसे आईवीएफ के बारे में कुछ नहीं पता है। उस भाग का सबसे पहला और सामान्य सवाल होता है कि आईवीएफ क्या होता है? अगर आप भी आईवीएफ उपचार के बारे में सोच रहे हैं तो दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ सेंटर (Best Fertility center in Delhi) मददगार साबित होगा।
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क्या है आईवीएफ? (What is IVF?)
आईवीएफ एक प्रजनन उपचार है, जो सहायक प्रजनन उपचार(एआरटी) के तहत आता है। आमतौर पर, लगभग दो दशक पहले तक बांझपन को भारत में श्राप माना जाता था, और इस पटकथा के बीच प्रजनन उपचार आईवीएफ को इंट्रोड्यूस किया जाता है। और इसके बाद से लोगों के बीच आईवीएफ उपचार को अपने दूसरी पहचान यानी टेस्ट ट्युब के तौर पहचाना जाने लगा। बांझपन या निसंतानता से जुझ रहे कपल्स के लिए संतानप्राप्ती को साकार करने के लिए मेडिकल साइंस में आईवीएफ उपचार का प्रावधान है। और आईवीएफ उपचार के इंट्रोडक्शन के बाद भारतीय समाज को समझ में आया कि निसंतानता श्राप नहीं, एक समस्या है जिसका इलाज किया जा सकता है, और इसके उपचार प्रक्रिया को आईवीएफ कहते हैं।
हालांकि, एआरटी के तहत और भी कई प्रजनन उपचार आते हैं, लेकिन ये सभी उपचार विकल्प बांझपन की अलग स्थिति को संबोधित करती है। और आईवीएफ उपचार का इस्तेमाल बांझपन के लगभग हरेक परिस्थिति में किया जाता है। आईवीएफ उपचार इतना ज्यादा ऐक्सेसबल और सरल है कि सिंगल महिलाएं भी इस उपचार के मदद से सिंगल मां बन सकती हैं, और इसके साथ ही जो कपल्स LGBTQ से संबंधित हैं, और संतानप्राप्ती की इच्छा रखते हैं वो भी इस उपचार का सहारा ले सकते हैं।
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आईवीएफ प्रक्रिया (IVF Process)
आईवीएफ उपचार प्रक्रिया को चरण-दर-चरण एक तय समय सीमा में किया जाता है। आपको बता दें कि आईवीएफ उपचार में एक कपल को मानसिक और शारीरीक रूप से उपचार के आउटकम के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि आईवीएफ उपचार यात्रा कपल्स के लिए परिक्षात्मक होता है। आईवीएप उपचार में कुछ बातों पर खास ध्यान देने की जरूरत है, और वो महिला की उम्र और वजन। आईवीएफ उपचार में उम्र काफी अहम होता है, क्योंकि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे ही प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में निसंतान कपल्स के लिए जरूरी हो जाता है कि वो समय रहते उपचार करवा लें, बढ़ता हुआ समय उपचार की पक्रिया और परिणाम को प्रभावित कर सकता है। आईवीएफ प्रक्रिया निन्मलिखित हैं।
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डिम्बग्रंथि उत्तेजना (Ovarian Stimulation)
आईवीएफ उपचार के इस पहली प्रक्रिया में अंडो की संख्या को बढ़ाने के लिए डिम्बग्रंथि को प्रजनन दवाओं के मदद से उत्तेजित किया जाता है। आमतौर पर, मासिक धर्म चक्र के दौरान महिला एक ही अंडे को ओव्युलेट करती है, लेकिन आईवीएफ उपचार में अधिक अंडो की जरूरत पड़ती है। क्योंकि आईवीएफ में उपचार के लिए परिपक्व अंडो की जरूरत पड़ती है।
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अंडा पुनर्प्राप्ति (Egg Retrieval)
डिम्बग्रंथि उत्तेजित करने के बाद महिला के शरीर से अंडो को बाहर निकाला जाता है, और अंडो को बाहर निकालने की इसी प्रक्रिया को अंडा पुनर्प्राप्ति कहते हैं। ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड एस्पिरेशन नामक एक छोटी शल्य चिकित्सा प्रक्रिया का उपयोग करके अंडाशय से पुनर्प्राप्त किया जाता है। इस प्रक्रिया में मरीज को बेहोश किया जाता है, और करीब 30 मिनट के प्रक्रिया के बाद अंडो को प्राप्त कर लिया जाता है।
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शुक्राणु संग्रह और तैयारी (Sperm Collection and Preparation)
अंडो को प्राप्त कर लेने के बाद पुरूष पार्टनर से शुक्राणु को संग्रहित किया जाता है, और फिर शुक्राणु को साफ किया जाता है। आप इसे भ्रूण बनने कि तैयारी के तौर पर समझ सकते हैं। अगर आप संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ उपचार कराना चाहते हैं, तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Treatment Cost in Delhi) आपके लिए किफायती होगा।
निषेचन (Fertilization)
अंडो और शुक्राणु को प्राप्त करने के बाद, लैब में निषेचन की प्रक्रिया कि जाती है। निषेचन के इस प्रक्रिया दो तरीकों से किया जाता है, पहला – पारंपरिक आईवीएफ: शुक्राणु को अंडों के साथ एक कल्चर डिश में रखा जाता है, जिससे निषेचन स्वाभाविक रूप से होता है। और दूसरा – इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई): एक शुक्राणु को सीधे अंडे में इंजेक्ट किया जाता है। आईसीएसआई का उपयोग अक्सर गंभीर पुरुष बांझपन के मामलों में किया जाता है।
भ्रूण संस्कृति (Embryo Culture)
भ्रूण को तैयार करने के बाद, जांच होती है। जिससे यह पता किया जाता है भ्रूण कि संस्कृति कैसी है, क्या है। भ्रूण की संस्कृति जानने की पीछे वजह है कि भ्रूण में किसी तरह कमी, या आनुवांशिक अंश जैसी बातों का जानना। क्योंकि अगर इस तरह की कोई कमी पाई जाती है तो दूसरे भ्रूण का इस्तेमाल किया जा सके। अविकसीत भ्रूण को अगर आरोपित किया जाता है तो रिजल्ट में दिक्कत आ सकती है।
भ्रूण स्थानांतरण (Embryo Transfer)
भ्रूण की जांच के बाद बारी आती है भ्रूण स्थानांतरण प्रक्रिया की, भ्रूण में सबकुछ सही पाने के बाद समय आता है भ्रूण को गर्भाशय में स्थानांतरित या आरोपित करने का। जिसके बाद भ्रूण गर्भाशय के दीवार के साथ प्रत्यारोपित होकर, गर्भावस्था को मुमकिन बनाता है।
गर्भावस्था परीक्षण (Pregnancy Test)
भ्रूण स्थानांतरण के लगभग दो सप्ताह आप प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकते हैं। भ्रूण को गर्भाशय के दीवार के साथ प्रत्यारोपित होने में लगभग दो सप्ताह का समय लगता है। भ्रूण स्थानांतरण के लगभग दो सप्ताह बाद, यह निर्धारित करने के लिए एक रक्त परीक्षण किया जाता है कि क्या प्रक्रिया सफल रही और इसके परिणामस्वरूप गर्भावस्था हुई।
निष्कर्ष (Conclusion)
सरल शब्दों में कहें तो आईवीएफ एक प्रजनन उपचार है जो बांझपन की समस्या को दूर करने का काम करता है। और आईवीएफ उपचार मेडिकल साइंस के करिश्माओं में से एक है। बांझपन के मामले को देखा जाए तो आईवीएफ उपचार को इंट्रोडक्शन किसी क्रांती से कम नहीं था। आईवीएफ उपचार की प्रक्रियाओं को चरण-दर-चरण पूरा किया जाता है, और हरेक प्रक्रिया दूसरी प्रक्रिया से जुड़ी होती है। जैसे – डिम्बग्रंथि उत्तेजना, अंडा पुनर्प्राप्ति, शुक्राणु संग्रह, निषेचन और भ्रूण स्थानांतरण। अगर आप भी आईवीएफ उपचार के बारे में सोच रहे हैं तो दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ सेंटर (Best IVF center in Delhi) मददगार साबित होगा।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. आईवीएफ में सफलता से क्या तात्पर्य है?
आईवीएफ में सफलता दर से मतलब है कि क्लिनिक या अस्पताल द्वारा अभी तक कितने मामलों में सफलता प्राप्त की है। आईवीएफ उपचार में सफलता का मतलब होता है कि कितने प्रतिशत लोग मां-बाप बने हैं। सरल शब्दों में कहें तो सफलता दर एक भरोसे का प्रतिक होता है, जिससे कपल्स के लिए भरोसा कर पाना आसान हो जाता है।
2. भारत में आईवीएफ का भविष्य कैसा है?
भारत में आईवीएफ का भविष्य काफी उज्जवल है, क्योंकि इंटरनेट पर पड़े आर्टिकल्स की मानें तो बढ़ते समय के साथ लोगों में बांझपन की समस्या काफी तेजी से बढ़ी है। और बढ़ती बांझपन की समस्या यह बताने के लिए काफी है कि भारत में आईवीएफ का भविष्य बेहतर है।
3. आईवीएफ उपचार के लिए दिल्ली एक अच्छा शहर क्यों है?
दिल्ली उन्नत आईवीएफ क्लीनिक, अत्यधिक अनुभवी डॉक्टर और अंतरराष्ट्रीय मानकों की तुलना में सस्ती लागत प्रदान करता है। कई क्लीनिक अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हैं, जिससे यह भारत में प्रजनन उपचार का केंद्र बन जाता है।
4. आईवीएफ उपचार के दौरान क्या खाना चाहिए?
आईवीएफ इलाज के दौरान आपको विटामिन और प्रोटीन युक्त पौष्टीक आहार का सेवन करना चाहिए। इस तरह के आहार का सेवन न सिर्फ आपके प्रजनन स्वास्थ्य के लिए बल्कि आपके व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने वाला है।
5. आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण कब शुरू होते हैं?
आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण को दिखने में समय लगता है और यही लक्षण गर्भावस्था के सकारात्मक संकेतवाहक बनते हैं। आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण आपको 4 से 6 सप्ताह का समय लगता है।