एक आईवीएफ साइकिल फेल होने के बाद दूसरा आईवीएफ साइकिल कब करवाना चाहिए
समय के साथ लोगों ने आईवीएफ को अपनाना शुरू कर दिया है और इसकी वजह इलाज का मददगार साबित होना है। एक कपल जो प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ हैं तो उसे संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ की सलाह दी जाती है। हालांकि, यह पाया गया है कि आईवीएफ इलाज में कई बार संतानप्राप्ती में 2-3 चक्र लग जाता है, आपको इस बात को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन अक्सर इस परिस्थिति में लोगों को सवाल रहता है कि एक आईवीएफ साइकिल फेल होने के बाद दूसरा आईवीएफ साइकिल कब करवाना चाहिए। अगर आप भी शुक्राणु संबंधी समस्या को लेकर बांझपन की समस्या से ग्रसीत हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र(Best IVF center in Delhi) में इलाज करवा सकते हैं।
अगर आप आईवीएफ इलाज के बाद पहली बार में गर्भधारण नहीं कर पाती हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस बारे में सोचने का काम आपको डॉक्टर या क्लिनिक का है। हालांकि, जब आप आईवीएफ इलाज करवाने जाते हैं तो एक बार के लागत में आपको 4 आईवीएफ चक्र का ऑफर दिया जाता है। आप इस तरह से समझ सकते हैं कि एक लागत में आपको गर्भधारण करने के लिए 4 मौके दिए जायेंगे। अगर आप पहली बार में गर्भधारण में सफल नहीं होती हैं तो आपके तीन और मौके मौजूद होगें।
अब आपका सवाल होगा कि 4 ही मौके क्यों, क्योंकि अगर आप 4 बार में गर्भधारण करने में सफल नहीं हुई तो यह प्रमाणित हो जाता है कि आपको अंडे फर्टाइल नहीं है। और आपको डोनर एग्स के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। आईवीएफ एक जटील इलाज है जिसमें आपको धैर्य रखना होता है और साथ में सकारात्मक रहना होता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि आईवीएफ इलाज के दौरान या फिर गर्भावस्था के दौरान स्ट्रैस और ज्यादा सोच-विचार इलाज और उसके सफलता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। अगर आप पहली आईवीएफ चक्र में गर्भधारण करने में सफल नहीं होती हैं तो आपको सकारात्मक रहना है।
आइए जानते हैं एक आईवीएफ साइकिल फेल होने के बाद दूसरा आईवीएफ साइकिल कब करवाना चाहिए?
एक आईवीएफ साइकिल फेल होने के बाद दूसरा आईवीएफ साइकिल कब करवाना चाहिए? इस बात पर निर्भर करता है कि आपने इलाज के दौरान किस भ्रूण का इस्तेमाल किया है। अब आप सोच रहे होगें कि भ्रूण के भी प्रकार होते हैं, नहीं। किस भ्रूण से मतलब है कि आपने फ्रेश भ्रूण का उपयोग किया है या फिर फ्रीज किये हुए भ्रूण का इस्तेमाल किया है। अगर आपका पहला आईवीएफ चक्र फेल हो गया है तो दोनों ही हालातों में दूसरे आईवीएफ चक्र के लिए अलग समय-सीमा तय की गई है।
हालांकि, कुछ शोध में पाया गया है कि फ्रीज किए गए भ्रूण से गर्भधारण की तुलना में फ्रेश अंडो से कम होता है। तो यह एक समस्या की ओर इशारा करता है क्योंकि आपने भ्रूण यह सोचकर फ्रीज किया था कि समय आने पर संतानप्राप्ती के लिए इस्तेमाल किया जा सके। लेकिन शोध किसी और ही तरफ इशारा कर रहा है।
फ्रेश भ्रूण ट्रांसफर(Fresh Embryo Transfer) – आमतौर पर, काफी मशक्कत के बाद संतानप्राप्ती की समस्या हल नहीं होती है, तो कपल आईवीएफ इलाज के बारे में सोचते हैं। ऐसे में जब एक कपल इलाज के लिए जाता है, तो उनके फ्रेश अंडो से भ्रूण को लैब में तैयार किया जाता है। एक बार जब भ्रूण तैयार हो जाता है, तो भ्रूण को गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है, और फिर इतंजार करते हैं कि भ्रूण गर्भाशय की दीवार में प्रत्यारोपित हो जाए। 15 दिन जब आप बीटा एससीजी का रिजल्ट आता है, अगर रिजल्ट निगेटीव आता है तो आपको अगले आईवीएफ साइकिल से पहले 2-3 महीना का आराम करना होगा।
फ्रीज किए गए भ्रूण ट्रांसफर(Frozen Embryo Transfer) – फ्रीज किए गए भ्रूण का मतलब होता है कि आप अपने युवावस्था में शादी और बच्चे के बजाए करीयर पर फोकस करना चाहते/चाहती हैं। ताकी आप शादी और बच्चे से पहले सेटल हो सके, इसी बात को सोचते हुए आप भ्रूण को फ्रीज करते हैं। ताकी आप अपने बच्चे की जैविक माता-पिता बन सकें। अगर आप संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ उपचार कराना चाहते हैं, तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए किफायती होगा।
अब जब आप बच्चे के बारे में सोच रहे हैं, और आप आईवीएफ इलाज के मदद से फ्रीज किए गए भ्रूण को गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है, और फिर इतंजार करते हैं कि भ्रूण गर्भाशय की दीवार में प्रत्यारोपित हो जाए। 15 दिन जब आप बीटा एससीजी का रिजल्ट आता है, अगर रिजल्ट निगेटीव आता है तो आप अगला आईवीएफ साइकिल तुरंत करवा सकते हैं। लेकिन दूसरे चक्र के लिए जाने से पहले आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकी आपके लिए जो उचित होगा उसकी सलाह दे और विफलता से बचें। हालांकि, हमने आपको ऊपर भी बताया है कि फ्रीज किए गए भ्रूण के साथ कंसीव करना थोड़ा कम प्रभावी है।
निष्कर्ष(Conclusion)
आईवीएफ एक जटील इलाज है, और जरूरी नहीं है कि आप पहली बार में ही गर्भधारण कर पायें। तो आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपके पास अभी मौका है गर्भधारण करने का। लेकिन आपको एक बात समझना होगा कि अगर फ्रेश भ्रूण का इस्तेमाल करते हैं और रिजल्ट निगेटीव होता है आपको 2-3 महीना इतंजार करना पड़ेगा, ताकी आप अपने आपको अगले चक्र के लिए खुद को तैयार कर सकें। फ्रीज किये हुए भ्रूण का इस्तेमाल करने के बाद भी अगर रिजल्ट निगेटीव है तो आप तुरंत करवा सकते हैं, लेकिन उससे पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा करना चाहिए, ताकी अगले चक्र गर्भधारण आपके लिए संभव हो।
एक बात आपको बता दें कि आपको आईवीएफ के 4 चक्र से ज्यादा मौके नहीं मिलेंगे। ऐसे में आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आईवीएफ इलाज से पहले आप अपने-आप पूरी तरह से तैयार कर लें। अगर आप भी शुक्राणु संबंधी समस्या को लेकर बांझपन की समस्या से ग्रसीत हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र(Best IVF center in Delhi) में इलाज करवा सकते हैं।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1. भ्रूण स्थानांतरण के बाद सकारात्मक संकेत क्या हैं?
उत्तर- भ्रूण स्थानांतरण के बाद गर्भावस्था को लेकर सकारत्मक संकेत के तौर पर आप 2 सप्ताह के दौरान होने वाले सभी लक्षणों को काउंट कर सकते हैं। जैसे – रक्तस्राव या दाग, ऐंठन, सूजन, स्तनों में दर्द, थकान, पेशाब में वृद्धि, सिरदर्द और मासिक धर्म का चूक जाना शामिल हैं।
प्र.2. पहले प्रयास में आईवीएफ की सफलता दर क्या है?
उत्तर- 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं को सबसे अधिक सफलता मिलती है, लेकिन 35 से 37 वर्ष की आयु के बीच भी सफलता की दर 40.5% है। 38 से 40 वर्ष की आयु वाली महिलाओं की सफलता दर कम 26% है।
प्र.3. क्या आईवीएफ बच्चे सामान्य हैं?
उत्तर- आईवीएफ का उपयोग करके गर्भधारण करने वाली अधिकांश गर्भधारण प्राकृतिक गर्भधारण की तरह ही स्वस्थ होती हैं। इसके अलावा, आईवीएफ गर्भधारण से आने वाले बच्चे अपने स्वाभाविक रूप से गर्भाधान वाले समकक्षों की तरह ही स्मार्ट और शारीरिक रूप से फिट होते हैं।
प्र.4. आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण कब शुरू होते हैं?
उत्तर- आमतौर पर, आपको गर्भावस्था से जुड़े लक्षण को पूरी तरह से सामने आने में 1 से 4 सप्ताह का समय लगता है। लेकिन कुछ लक्षण आपको पहले दो सप्ताह के दौरान देखने के लिए मिला जाएगा।
प्र.5. एक आईवीएफ साइकिल फेल होने के बाद दूसरा आईवीएफ साइकिल कब करवाना चाहिए?
उत्तर- एक आईवीएफ साइकिल फेल होने के बाद दूसरा आईवीएफ साइकिल कब करवाना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने किस भ्रूण का इस्तेमाल किया है। अगर फ्रेश भ्रूण है तो आपको 2-3 महीने तक इतंजार करना पड़ेगा, और अगर फ्रीज किए गए भ्रूण का इस्तेमाल करते हैं तो आप तुरंत ही दूसरे चक्र के लिए आगे बढ़ सकते हैं लेकिन इससे पहले आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।