In vitro fertilization (IVF)

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन कैसे काम करता है?

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इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी कि आईवीएफ जिसे आम भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते है। हर कोई इस बात को जानता है कि आईवीएफ एक इलाज है जिससे संतानप्राप्ती का सुख मिलता है। लेकिन आप में से बहुत ही कम लोगों को पता है कि इस इलाज की प्रक्रिया क्या है, और यह किस तरह से काम करता है। अगर आप भी आईवीएफ इलाज से संतानप्राप्ती का सुख चाहते हैं तो दिल्ली का सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi with price) आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।  

आईवीएफ इलाज से पहले कपल की जांच की जाती है, और फिर रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर कपल को तैयारी करने का वक्त देता है। आईवीएफ इलाज में आपको समय देने की जरूरत होती है, और आईवीएफ इलाज कि सफलता सबसे ज्यादा आप की शारीरिक गतिविधि पर निर्भर करती है। आईवीएफ इलाज अलग-अलग स्टेज में होता है, हरेक स्टेज एक तय समय पर पूरी होती है। आईवीएफ विज्ञान का दिया हुआ वरदान, खासकर भारत जैसे देश में जहां बांझपन और निसंतानता एक श्राप हुआ करता था। आइए, इस आर्टिकल में जानेंगे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन कैसे काम करता है?

संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ इलाज करवाना चाहते हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए उचित रहेगा। 

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी कि आईवीएफ क्या है? (What is In Vitro Fertilization i.e. IVF?)

आईवीएफ से पहले जानते हैं एआरटी को, एआरटी मतलब सहायक प्रजनन तकनीक (assisted reproductive technology) जिसके अंदर कई तरह के प्रजनन उपचार तकनीक उपलब्ध हैं। जैसे – आईयूआई, आईसीएसआई और लेज़र हैचिंग। इसी तरह से आईवीएफ भी एआरटी उपचार का एक हिस्सा है, आईवीएफ उपचार तकनीक में शुक्राणु और अंडे को मानव शरीर के बाहर निषेचित किया जाता है।

आईवीएफ एक जटिल प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया में अंडे को अंडाशय से बाहर निकालते हैं और फिर उसे निषेचन के लिए प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ जोड़ा जाता है। इस निषेचित अंडो को भ्रुण कहते हैं, एक बार भ्रुण के तैयार हो जाने के बाद गर्भधारण के लिए इसे गर्भाश्य में रखा जाता है। महिला गर्भावस्था में तब आती है जब भ्रुण खुद-ब-खुद गर्भाश्य की दीवार से समाविष्ट हो जाती है।

आईवीएफ को ही क्यों चुनें? (Why choose IVF?)

देखिए, एआरटी में और भी कई प्रजनन उपचार तकनीक मौजूद हैं लेकिन आईवीएफ को चुनने के पीछे कई वजह है। सबसे पहली और कॉमन वजह है बांझपन(इनफर्टिलिटी), अगर कोई महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है तो दो ही वजह होता है, या तो महिला में कमी या फिर पुरूष में कमी है। ऐसे मामले में भ्रुण को लैब में तैयार करके गर्भधारण करवाया जाता है।

इसके अलावा कोई महिला जिसकी उम्र 35 साल के आसपास है और वो मातृत्व के बारे में सोच रही हैं तो ऐसे मामलों में भी आईवीएफ उपचार बेहतर विकल्प है। यहां तक की आईवीएफ उन कपल के लिए भी वरदान है जो समान लिंग वाले जोड़े हैं, और उनके लिए भी जो बिना पार्टनर के मां या बाप बनना चाहते हैं। ऐसे कई जरूरतों को पूरा करने के लिए आईवीएफ जैसे प्रजनन उपचार का होना जरूरी है।

निम्नलिखित समस्याओं में आईवीएफ प्रजनन तकनीक एक विकल्प है:

  • फैलोपियन ट्यूब का अवरुद्ध या क्षतिग्रस्त होना।
  • एंडोमेट्रियोसिस के फैलने पर।
  • शुक्राणु समस्या।
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) या अन्य डिम्बग्रंथि स्थितियाँ।
  • गर्भाशय फाइब्रॉएड।
  • आपके गर्भाशय से जुड़ी समस्याएं।
  • आनुवंशिक रोग के होने पर
  • बांझपन का अस्पष्ट कारण

आईवीएफ की प्रक्रिया में कितना समय लगता है? (How long does the IVF process take?)

हमने आपको ऊपर भी बताया है कि आईवीएफ प्रक्रिया में समय लगता है, इस प्रक्रिया में चरण-दर-चरण काम किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को खत्म होने में कम से कम 6 महीने का समय लगता है। इन 6 महीनो में मरीज को एकदम अनुशासित होकर रहना पड़ता है, उसके बाद ही उपचार में सफलता मिलती है।

आइए, संक्षेप में जानते हैं आईवीएफ चरण को

  • जन्म नियंत्रण गोलियां या एस्ट्रोजन – ताकी आपको ओवेरियन अल्सर न हो जाए।
  • डिम्बग्रंथि उत्तेजना
  • अंडा पुनर्प्राप्ति
  • निषेचन
  • भ्रूण विकास
  • भ्रूण स्थानांतरण
  • गर्भावस्था

निष्कर्ष(Conclusion)

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन या आईवीएफ एक इलाज है जिसकी मदद से संतानप्राप्ती का सुख मिलता है। इसमें अंडे और शुक्राणु को शरीर के बाहर लैब में निषेचित किया जाता है, और फिर निषेचित अंडे को जिसे भ्रुण कहते हैं, उसे गर्भधारण करने के लिए गर्भाश्य में स्थान दिया जाता है। आईवीएफ एआरटी का हिस्सा है, और यह बांझपन, अनुवांशिक विकार और भी कई तरह की परिस्थितियों से बचाता है। आईवीएफ इलाज को 6 महीने लगते हैं पूरी तरह से पूर्ण होने के लिए, इसमें कई सारे चरण शामिल होते हैं जैसे डिम्बग्रंथि उत्तेजना और भ्रुण स्थानांतरण। यदि आप आईवीएफ पर विचार कर रहे हैं, तो दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र(Best IVF Center in Delhi) आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. आईवीएफ का पूरा नाम क्या है? 

उत्तर- इन विट्रो फर्टिलाइजेशन(In vitro fertilization)

प्र.2. आईवीएफ इलाज के लिए बेहतर डॉक्टर कौन हो सकते हैं?

उत्तर- डॉक्टर तो सभी अच्छे ही होते हैं लेकिन अगर आपके पास विकल्प है कि अुनभवी डॉक्टर से इलाज करवा सकते हैं, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। 

प्र.3. आपके लिए एआरटी की कौन-सी  इलाज उचित रहेगी, यह कौन तय करता है? 

उत्तर- इस तरह की चीजें आप की सेहत और डॉक्टर पर निर्भर करती है, क्योंकि इलाज से पहले डॉक्टर आपकी जांच करते हैं और फिर उसके अनुसार आप के लिए इलाज तय किया जाता है। 

प्र.4. आईवीएफ में सफलता से क्या तात्पर्य है? 

उत्तर- आईवीएफ में सफलता दर से मतलब है कि कितने लोगों का अभी इलाज हो चुका है, और उनमें से कितने प्रतिशत लोग इलाज के बाद सफल रहे हैं। मतलब कितने प्रतिशत लोग मां-बाप बने हैं। 

प्र.5. भारत में आईवीएफ का भविष्य कैसा है? 

उत्तर- बात करें आईवीएफ के भविष्य कि तो बढ़ते समय के साथ भारत में आईवीएफ की मांग में बहुत तेजी आई है, और उम्मीद है कि इसकी मार्केट देश में बहुत बड़ी होने वाली है।

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