ivf safalta ki sambhavna behatar banane ke tarike

आईवीएफ की सफलता की संभावनाओं को बेहतर बनाने के 3 तरीके

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मां-बाप बनने का सपना हर किसी का पूरा हो सकता है, लेकिन हमें एक बात समझने की जरूरत है कि ART की मदद से गर्भधारण करना एक परीक्षा की तरह है। जिसमें आपके साथ-साथ डॉक्टरर्स की भी परीक्षा होती है, आईवीएफ इलाज करना और इलाज का सफल होना दोनों ही डॉक्टर और मरीज पर निर्भर करता है। आमतौर पर आईवीएफ इलाज लोगों के परिवार का सपना पूरा करते आ रही है, लेकिन कई बार एक छोटी-सी गलती की सजा आपको अपने सपनो को गंवाकर चुकानी पड़ सकती है। मां-बाप बनना सौभाग्य और जिम्मेदारी दोनों की बात होती है, आपकी एक गैर-जिम्मेदाराना हरकत और सबकुछ खत्म। अगर आप भी आईवीएफ इलाज के लिए तैयार हैं तो दिल्ली का सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। 

इस इलाज में आपको कम-से-कम 3 महीने का समय लगता है, इस दौरान डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की जांच करेगा और फिर उस रिपोर्ट में पाई गई कमी के अनुसार आपको शारीरीक और मानसिक रूप से तैयार होने का समय दिया जाता है। आईवीएफ इलाज के दौरान आपको कई स्टेज से होकर गुजरना पड़ता है, जैसे – लैब में भ्रुण तौयार करना, एचसीजी इंजेक्शन लगाना, तैयार किए गए भ्रुण को ट्रांसफर करना और प्रेगनेंसी टेस्ट कराना।

ऐसे स्थिति में कभी कोई नहीं चाहेगा की उसके तीन महिने का परीश्रम एक छोटी-सी गलती से सबकुछ खत्म हो जाए। इसलिए कहा जाता है कि आईवीएफ इलाज की सफलता काफी हद तक आप पर भी निर्भर करती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे आईवीएफ की सफलता की संभावनाओं को बेहतर बनाने के 3 तरीके। आप भी अगर इनफर्टिलिटी की समस्या का इलाज करवाना चाहती हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए उचित रहने वाला है, और बेबी जॉय आईवीएफ सेंटर में अभी इलाज करवाने पर ऑफर भी उपलब्ध है।

आईवीएफ की सफलता की संभावनाओं को बेहतर बनाने के 3 तरीके

आपको एक बात बता दें कि आईवीएफ की असफलता से बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि अगर आपने इलाज 35 के उम्र से पहले कराया है और असफल हो गया है तो आपके पास अभी भी समय है कि आप फिर से इलाज करवा सकते हैं। लेकिन इलाज की असफलता आपको मानसीक रूप से बीमार बना देती है, नकारात्मकता आप पर हावी होने लगती है और शायद दोबारा इलाज करवाने के बाद भी आप इस डर में जीते रहेगी कि कहीं फिर से विफल न हो जाए।

आप के लिए जरूरत से ज्यादा सोचना, नकारात्मकता के तरफ जाना और चिंतन करना ही इलाज की असफलता का कारण बनती है। इसलिए आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप ज्यादा से ज्यादा आराम करें और दिमाग को स्ट्रैस न दें।

1. पौष्टिक आहार का सेवन करें – 

जब भ्रुण को अंडाशय में निषेचन के लिए स्थानांतरित किया जाता है, तभी से गर्भधारण करने की प्रक्रिया शूरू हो जाती है। ऐसे में आपके स्वास्थ्य, शरीर, शुक्राणु और अंडाशय के लिए जरूरी हो जाता है कि आप पौष्टिक भोजन का सेवन करें। डॉक्टर आपकी जांच करने के बाद आप से भी यही कहते हैं कि विटामिन, खनिज और प्रोटिन से युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करना होगा। प्रजनन के लिए यह जरूरी हो जाता है कि शुक्राणु और अंडाशय निषेचन के लिए पूरी तरह से स्वस्थ हो, और यह प्रमाणित है कि विटामिन और खनिज का सेवन शुक्राणु के लिए सीधे तौर पर मददगार साबित होता है। 

2. अंडे और गर्भाशय को पोषण देने वाले भोजन का सेवन करें – 

इस वक्त पर एक महिला को अंडे और गर्भाशय को पोषण देने वाले भोजन का सेवन करना चाहिए, ताकी आपके लिए गर्भधारण कर पाना आसान हो जाए। इस प्रक्रिया को आप ठीक वैसे ही समझ सकते हैं जब कोई खिलाड़ी मैच में उतने से पहले खुद को वार्मअप करता है। इस दौरान आपको हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे केल, पालक, और ब्रोकोली का सेवन करना चाहिए।

3. धुम्रपान और शराब से दूर रहें – 

धुम्रपान या शराब का सेवन न सिर्फ आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा, बल्कि अगर आपका पुरूष पार्टनर धुम्रपान या शराब का सेवन करता है तो ये सीधे तौर पर शुक्राणु को प्रभावित करेगा। शुक्राणु की गुणवत्ता हो या फिर शुक्राणु की संख्या, नशे के सेवन से दोनों पर ही असर पड़ता है। ऐसे समय में जब आप आईवीएफ इलाज के लिए तैयार हैं तो आपको धुम्रपान और शराब के सेवन से पूरी तरह से दूर रहना चाहिए। वर्ना गर्भधारण करने में दिक्कत आ सकती है।

निष्कर्ष

आईवीएफ इलाज के सफलता की चांस को बढ़ाने के लिए ये जरूरी हो जाता है कि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, पौष्टिक आहार का सेवन करें, और धुम्रपान और शराब से दूर रहें। इसके अलावा आपकी मानसिकता भी इसमें अहम किरदार निभाती है, इसलिए सकारात्मक रहें और ज़्यादा सोचने से बचें। देखिए, इस बात को हमेशा याद रखें कि आईवीएफ इलाज आपके और डॉक्टर के बीच में एक साझा प्रयास है, इसलिए आपके लिए महत्वपूर्ण हो जाता है कि उनके मार्गदर्शन और निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें। एक बेहतरीन आईवीएफ केंद्र चुनना, जैसे दिल्ली का सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) चुनते ही इलाज की सफलता की चांस बढ़ जाती है। अंतत: इस तरह के कदम उठाने के बाद, और अपने मानसिक और शारीरीक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के बाद इस बात में कोई शक नहीं है कि आईवीएफ इलाज की सफलता का चांस खुद-ब-खुद बढ़ जाएगा।  

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