sexually transmitted infections affect fertility

क्या यौन संचारित संक्रमण प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं?

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आपने प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने की बहुत कोशीश की लेकिन आप गर्भधारण करने में असफल रही, ऐसे में आपके मन में कुछ सामान्य सवाल उठते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है, कहीं आपके प्रजनन स्वास्थ्य में कोई दिक्कत तो नहीं है, या फिर क्या यौन संचारित रोग (एसटीडी) बांझपन का कारण बन सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में आपकी नजरें बांझपन के मामलो में किसी अनुभवी विशेषज्ञ को ढुंढती है, जो आपके सवालों को जवाब दे सके और साथ में आपकी समस्याओं का निवारण कर सके। आप भी निसांतनता की समस्या से जुझ रहे हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF centre in Delhi) में आपकी समस्या दूर हो सकती है।

अब आप इसे लोगों के लिए दुर्भाग्य कहें या फिर समाज का सौभाग्य कि भारत में इस तरह की समस्याओं को लेकर कोई बात नहीं करता है। और कई लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं है कि स्वस्थ गर्भावस्था के लिए उन्हें किस तरह की संभावित खतरों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी परिस्थिति में आपके लिए उचित है कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और यौन संचारित संक्रमण के बारे में जाने। यौन संचारित रोग आपको कई समस्याओं का भागीदार बना सकता है, और साथ में आपको मानसिक और भावनात्मक रूप से भी परेशान करता है।

क्या होता है यौन संचारित संक्रमण? (What is a sexually transmitted infection?)

जब आप अपने पार्टनर या किसी और के साथ बिना किसी प्रोटेक्शन के यौन संबंध बनाते हैं, और इस संबंध के कारण उत्पन्न होने वाले रोग ही यौन संचारित रोग कहलाता है। इस तरह के संबंध बनाने से कई तरह के रोगों के होने का डर रहता है और एचआईवी उन्हीं रोगों में से एक है। एसटीडी से होने वाले रोग इस प्रकार हैं, क्लैमाइडिया, एचआईवी/एड्स, जननांग दाद, एचपीवी, जघन जूं, उपदंश, सूजाक ट्राइकोमोनिएसिस, गोनोरिया और सिफलिस।

एसटीडी के लक्षण (Symptoms of STD)

पुरूषों में पाये जाने वाले लक्षण हैं, प्रजनन अंग पर छाले पड़ना, सुज जाना, दर्द होना और लाल पड़ जाना, जिसके बाद यह संक्रमण पूरे शरीर में फैलने लगता है।

महिलाओं में पाये जाने वाले लक्षण – योनी से प्रसाव, सेक्स के दौरान दर्द होना, पानी आने की शिकायत और खुन आना।

आइए जानते हैं क्या यौन संचारित संक्रमण प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं? (Let’s know whether sexually transmitted infections can affect fertility?)

हां, यौन संचारित संक्रमण आपके मां बनने के मौके को प्रभावित करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार यौन संचारित संक्रमण पुरूष और महिला के प्रजनन को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है। दरअसल, यौन संचारित संक्रमण से होने वाले रोग प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं, और इसमें सबसे अहम रोल क्लैमाइडिया रोग का होता है। यौन संचारित संक्रमण में प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए क्लैमाइडिया सबसे कॉमन रोग है, और आपको बता दें कि हर साल इस रोग से 3 मिलियन लोग ग्रसीत होते हैं।

ऐसे में कोई व्यक्ति क्लैमाइडिया रोग से ग्रसीत है और किसी के साथ यौन संबंध बनाता है तो संभव है कि संक्रमण की वजह से वो भी रोग से ग्रसीत हो जाए। बात की जाए महिलाओं को क्लैमाइडिया रोग के कारण होने वाली समस्याओं कि तो सही समय से इसका इलाज नहीं हो पाने की वजह से आपको गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। और यह रोग सीधे तौर पर आपके प्रजनन अंग को प्रभावित कर सकता है, जैसे फैलोपियन ट्यूब के नलिकाएं अवरुद्ध या क्षतिग्रस्त करना शामिल है। 

फैलोपियन ट्यूब के क्षतिग्रस्त होने का मतलब है कि शुक्राणु की यात्रा में अड़चन आना, और यह सीधे तौर पर आपको बांझपन की तरफ धकेलता है।

पुरूषों में क्लैमाइडिया रोग का प्रभाव सीधे तौर पर शुक्राणु पर होता है। क्लैमाइडिया रोग की वजह से अंडकोष या एपिडीडिमिस में सूजन हो जाता है जिसके वजह से शुक्राणु उत्पादन प्रभावित होता है। जो पुरूषों में बांझपन की समस्या का कारण बनती है। इसके अलावा यौन संचारित संक्रमण से होने वाले रोग जैसे गोनोरिया और सिफलिस भी पुरूष और महिला के प्रजनन संबंधी समस्याओं का एक कारण है। हालांकि, आपको बता दें कि इन रोगों का उपचार एंटीबॉयोटिक से हो सकता है, लेकिन नजरअंदाज करने पर प्रजनन अंगो को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है।

अगर आप बच्चा पैदा करने के लिए आईवीएफ उपचार कराना चाहते हैं, तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए किफायती होगा।

बांझपन में प्रवेश करने से पहले आपको कितने समय तक एसटीडी हो सकता है? (How long can you have an STD before becoming infertile?)

सही मायनो में कहा जाए तो इसको लेकर कोई तय समय सीमा नहीं है, क्योंकि कई मामलों में पहली बार एसटीडी में ही प्रजनन क्षमता प्रभावित होने लगती है। और कई मामलों में महीनों या फिर सालों तक यह पता नहीं चलता है। ऐसे में आपके लिए जरूरी हो जाता है कि समय-दर-समय आप जांच करवाते रहें, और ऐसा कुछ पाये जाने पर तुरंत इलाज करवायें। 

हालांकी, एक राहत की बात यह है कि एसटीडी से होने वाले कई रोगों का उपचार एंटीबॉयोटिक से हो जाता है, लेकिन आपको समय रहते इसका इलाज करना होगा वर्ना यह लाइलाज हो जाएगा और शायद यह जीवनभर आपके साथ रहे।

एसटीडी के दौरान गर्भवती होना चाहती है तो क्या करें? (What to do if you want to get pregnant during STD?)

ऐसे मामलों मे आपको सबसे पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकी डॉक्टर आपको किसी तरह का समाधान सुझाए। जिससे बांझपन की समस्या को दूर किया जा सके और आपके गर्भधारण को मुमकिन बनाया जा सकता है। इसके अलावा आपके पास एआरटी विकल्प मौजूद है, जिसकी मदद से आप गर्भवती हो सकती हैं। 

एआरटी में कई अलग-अलग प्रकार के प्रजनन उपचार विकल्प मौजूद हैं, जो आपके लिए मददगार साबित हो सकता है और गर्भधारण को मुमकिन बना सकता है। हालांकी, आपको एक बात समझना होगा कि एसटीडी के साथ गर्भधारण काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है, और आपको कई तरह की सावधानी बरतनी होगी।

निष्कर्ष (Conclusion)

यौन संचारित संक्रमण आपके प्रजनन क्षमता के साथ प्रजनन अंग को भी प्रभावित करता है, और आपको बांझपन की तरफ धकेलता है। यौन संचारित संक्रमण की वजह से होने वाले रोगों का सही समय से इलाज नहीं किया गया तो यह लाइलाज हो सकता है और यह समस्या जीवनभर के लिए बनी रह जाएगी। 

सौभाग्य की बात यह है कि इनमें कुछ रोगों का उपचार सिर्फ एंटीबॉयोटिक से हो सकता है, लेकिन संक्रमण के बारे में समय से पता लगने के बाद। तो आपके लिए जरूरी हो जाता है कि समय के साथ आप जांच करवायें और असुरक्षित यौन संबंध से बचें। आप भी निसांतनता की समस्या से जुझ रहे हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF centre in Delhi) में आपकी समस्या दूर हो सकती है।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. कौन सा यौन संचारित संक्रमण बांझपन का कारण बन सकता है?

उत्तर- क्लैमाइडिया और गोनोरिया उन रोगों में से एक जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है और आपको बांझपन की तरफ धकेलता है। क्लैमाइडिया आपके फैलोपियन ट्यूब की नलिकाओं को अवरुद्ध करता है और आपके लिए समस्यात्मक बन जाता है।

प्र.2. क्या एसटीडी होने पर मैं गर्भवती हो सकती हूं?

उत्तर- एसडीटी के दौरान गर्भधारण मुमकिन है लेकिन यह काफी कठीन होता है। अगर समय रहते आपने इलाज करवा लिया है तो गर्भधारण संभव हो सकता है। इसके अलावा आप एआरटी की मदद से गर्भवती हो सकती हैं लेकिन किसी तरह का फैसला लेने से पहले आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

प्र.3. कौन से एसटीडी इलाज योग्य नहीं हैं?

उत्तर- एचआईवी, जेनिटल हर्पीस, ह्यूमन पेपिलोमावायरस, हेपेटाइटिस और साइटोमेगालोवायरस जैसे वायरस एसटीडी/एसटीआई का कारण बनते हैं जिन्हें ठीक नहीं किया जा सकता है। वायरस के कारण होने वाले एसटीआई से पीड़ित लोग जीवन भर संक्रमित रहेंगे और उनके यौन साझेदारों को संक्रमित करने का खतरा हमेशा बना रहेगा।

प्र.4. क्या बांझपन ठीक हो सकता है?

उत्तर – हां, लेकिन यह कारण पर निर्भर करता है। 85% से 90% मामलों में, जीवनशैली में संशोधन, दवा, एआरटी या सर्जरी से बांझपन का इलाज किया जा सकता है और व्यक्ति को गर्भधारण करने की अनुमति मिल सकती है।

प्र.5. सफल आरोपण के लक्षण क्या हैं?

उत्तर – कुछ महिलाओं को संकेत और लक्षण के बिना ही प्रत्यारोपण हो जाता है। बात करें संकेतों कि तो हल्का रक्तस्राव, ऐंठन, मतली, सूजन, स्तनों में दर्द, सिरदर्द और मूड में बदलाव जैसे लक्षण देखने के लिए मिलता है। 

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