उच्च रक्तचाप पुरुष प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है?

उच्च रक्तचाप पुरुष प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है?

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कई ऐसे कारक हैं जो हमारे प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है और कर सकती है, लेकिन हम में से बहुत कम ही लोग इसके बारे में जानते होगें। समय के साथ हमारी प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे प्रभावित होने लगती है, लेकिन कुछ ऐसे भी कारक हैं जो रोजाना स्तर पर हमारी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, और समस्या यह है कि हमें इसके बारे में पता भी नहीं है। अगर आप आईवीएफ उपचार की मदद से मातृत्व को पाना चाहती हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में इसका इलाज करवा सकते हैं।

अगर आपसे कोई कहे कि उच्च रक्तचाप पुरुष प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है तो आप यह जानकर चौंक जाएंगे, लेकिन यह है कि उच्च रक्तचाप हमारे प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। उच्च रक्तचाप जिसे हाईपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है, आपके प्रजनन क्षमता पर लगातार हमला करता है। आप में से कई लोग उच्च रक्तचाप से ग्रसीत भी होगें, और घर-परिवार में हो रहे रोजाना घटनाओं का आपके रक्तचाप और मनोवैज्ञानिक पर भी असर पड़ता होगा। जिसका प्रभाव आपको अपने सेक्स लाइफ में महसूस करने के लिए भी मिलता होगा।

हमारी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने के साथ-साथ उच्च रक्तचाप हमारे अंगो को क्षतिग्रस्त करता है, विशेष रूप से हृदय, गुर्दे, मस्तिष्क और आंखों को प्रभावित करती है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि उच्च रक्तचाप का प्रभाव पुरूष और महिला दोनों के प्रजनन क्षमता पर होता है। प्रजनन क्षमता प्रभावित होने का मतलब आप धीरे-धीरे बांझपन की स्थिति के तरफ बढ़ रहे हैं।

आईए जानते हैं उच्च रक्तचाप पुरुष प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है?

पुरूष प्रजनन क्षमता पर उच्च रक्तचाप का असर आपको बहुत जल्दी दिखने लग जाता है।

वीर्य की मात्रा में कमी (Reduction in the quantity of semen) – पुरूषों में उच्च रक्तचाप का असर वीर्य की मात्रा पर होता है। शुक्राणु में मौजूद वीर्य की मात्रा को प्रभावित करता है, जिससे स्खलन के दौरान वीर्य की कम मात्रा हो जाती है।

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शुक्राणु की संख्या और गतिशीलता में कमी(Decrease in sperm count and motility) – उच्च रक्तचाप का प्रभाव पुरूषों के शुक्राणु की संख्या और गतिशीलता पर पड़ता है। जिसका असर पुरूषों में बांझपन के रूप में होता है। शुक्राणु की संख्या कम होने का मतलब होता है कि शुक्राणु की गतिशीलता पर असर पड़ना। शुक्राणु गतिशीलता ही तय करता है कि संभोग के शुक्राणु अपना रास्ता तय करते हुए अंडाशय तक पहुंचे। लेकिन अगर शुक्राणु गतिशीलता प्रभावित होता है तो शुक्राणु में इतनी गति ही मौजूद नहीं होगी कि अंडाशय तक पहुंच सके।

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असामान्य शुक्राणु आकृति(Abnormal sperm shape) – पुरूषों के सामान्य शुक्राणु की आकृति सिर लम्बी और पूंछ अंडाकार होती है। लेकिन जब असामान्य शुक्राणु आकृति का मतलब होता है कि सिर या पूंछ में दोष होते हैं – जैसे बड़ा या विकृत सिर या टेढ़ी/दोहरी पूंछ। असामान्य शुक्राणु आकृति होने के वजह से शुक्राणु का अंडे तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। असामान्य शुक्राणु आकृति होने के वजह से आपको बांझपन की समस्या से जुझना पड़ सकता है, और कई बार इसकी वजह उच्च रक्तचाप होता है।

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शुक्राणु डीएनए क्षति(Sperm DNA damage) – शुक्राणु डीएनए क्षति को ही शुक्राणु विखंडन के नाम से भी जाना जाता है। इसमें आपको शुक्राणु में मौजूद तत्वों के बिखरने और क्षति पहुंचने के वजह से होता है। और आपको बता दें कि शुक्राणु डीएनए के सिंगल और डबल स्ट्रैंड होने से ही पता चलता है कि पुरूष बांझपन से ग्रसीत है या नहीं। उच्च रक्तचाप का प्रभाव शुक्राणु के डीएनए पर भी पड़ता है जिसके वजह से शुक्राणु विखंडन का डर रहता है। शुक्राणु विखंडन होने का मतलब है कि आप बांझ हो चुके हैं।

अगर आप भी बांझपन की समस्या का इलाज कराना चाहते हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत(IVF cost in Delhi) आपके लिए उचित रहेगा।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन(Erectile dysfunction) – कई अध्ययनों में भी पाया गया है कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन का संबंध सीधे तौर पर प्रजनन क्षमता के साथ है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन कि शिकायत आमतौर पर ज्यादा स्ट्रैस लेने, थकान या फिर ज्यादा शराब पीने की वजह से होती है। हालांकी, कुछ मामलों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण दवाईयों के साइड इफैक्ट के वजह से भी होती है। अगर आपको अक्सर इरेक्टाइल डिसफंक्शन कि शिकायत रहती है तो इसके दो ही कारण हो सकते हैं – उच्च रक्तचाप या फिर उच्च कोलेस्ट्रॉल का होना।

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असंतुलित हार्मोन्स(Unbalanced hormones) – उच्च रक्तचाप की वजह से पुरूषों के हार्मोन्स भी असंतुलित होने लगता है, और असंतुलित हार्मोन्स होने का मतलब है कि रक्त किसी हार्मोन्स अत्यधिक या कम होना। असंतुलित हार्मोन्स पुरूष के साथ-साथ महिलाओं के भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, बांझपन की तरफ धकेलता है। महिलाओं में असंतुलित हार्मोन होने की वजह से गर्भधारण कर पाना बेहद ही मुश्किल हो जाता है। इसके सामान्य लक्षणों के तौर पर आपको वजन में बदलाव, कम सेक्स ड्राइव और मुंहासे देखने के लिए मिलेगा।

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निष्कर्ष (Conclusion)

उच्च रक्तचाप आपकी प्रजनन क्षमता को कई विभिन्न तरीकों से नकारात्मक प्रभावित कर सकता है। उच्च रक्तचाप की वजह से वीर्य की मात्रा कम हो जाती है, शुक्राणु संख्या और गतिशीलता को प्रभावित करता है, असामान्य शुक्राणु आकृति, शुक्राणु डीएनए क्षति और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसे समस्याएं पैदा होती है। और इन सभी चीजों के प्रभावित होने से पुरूष बांझपन से जुझने लगता है। ऐसे में आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप अपने उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें ताकी आपकी प्रजनन क्षमता उचित बनी रहे। अगर आप आईवीएफ उपचार की मदद से मातृत्व को पाना चाहती हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में इसका इलाज करवा सकते हैं।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. क्या उच्च रक्तचाप से पीड़ित पुरुष किसी महिला को गर्भवती कर सकता है?

उत्तर- सबसे पहले आपको बता दें कि किसी भी महिला के गर्भधारण करने के लिए शुक्राणु की गुणवत्ता सही होनी चाहिए, और उच्च रक्तचाप शुक्राणु गुणवत्ता को प्रभावित करता है। ऐसे में यह कहना कि उच्च रक्तचाप से पीड़ित पुरुष किसी महिला को गर्भवती कर सकता है तो अधिमुल्यांकन होगा।  

प्र.2. उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति के साथ क्या-क्या दिक्कत हो सकती है?

उत्तर- अनियंत्रित रक्तचाप आपको कई तरह की समस्याओं का शिकार बना सकता है। आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ दिल का दौरा पड़ना और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का डर बना रहता है।

प्र.3. क्या बीपी शुक्राणु को प्रभावित करता है?

उत्तर- सिर्फ बीपी आपके शुक्राणु को प्रभावित नहीं करता है, लेकिन उच्च बीपी आपके शुक्राणु को काफी हद तक प्रभावित करता है। जैसे – वीर्य की कमी, शुक्राणु की संख्या और गतिशीलता, शुक्राणु डीएनए और इरेक्टाइल डिसफंक्शन।

प्र.4. क्या बांझपन ठीक हो सकता है?

उत्तर – हां, लेकिन यह कारण पर निर्भर करता है। 85% से 90% मामलों में, जीवनशैली में संशोधन, दवा, एआरटी या सर्जरी से बांझपन का इलाज किया जा सकता है और व्यक्ति को गर्भधारण करने की अनुमति मिल सकती है।

प्र.5. पुरुष बांझपन के शीर्ष 3 कारण क्या हैं?

उत्तर – पुरुषों में बांझपन कम शुक्राणु उत्पादन, असामान्य शुक्राणु कार्य और शुक्राणु गुणवत्ता के कारण हो सकता है। इसके अलावा बीमारियां, पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं, जीवनशैली विकल्प और अन्य कारक पुरुष बांझपन में योगदान कर सकते हैं।     

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