
क्या एमेनोरिया (कोई मासिक धर्म नहीं) वाली महिला प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर सकती है?
बांझपन के कई कारण होते हैं और उन्हीं कई कारणों में से एक है एमेनोरिया। एमेनोरिया कईयों के लिए नया शब्द होगा, लेकिन आपको बता दें कि यह महिलाओं में पाया जाने वाली आम समस्याओं में से एक है। और एमेनोरिया को सीधे तौर पर बांझपन का दोषी नहीं ठहरा सकते हैं क्योंकि इसका काम होता है कंसीव न करने देना या फिर कंसीव करने में समस्याओं को उत्पन्न करना। आप भी एमेनोरिया के कारण निसंतानता से जुझ रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Center in Delhi) में आईवीएफ उपचार करवा सकते हैं।
एमेनोरिया महिलाओं में पाया जाने वाली ऐसी स्थिति है जब मासिक धर्म बंद हो चुका हो। ऐसे में आपका सवाल होगा कि उस परिस्थिति मेनोपॉज को भी कहते हैं तो फिर दोनों में फर्क क्या है? और क्या एमेनोरिया (कोई मासिक धर्म नहीं) वाली महिला प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर सकती है? आपको बता दें कि एमेनोरिया की समस्या उन महिलाओं में ज्यादातर पाया जाता है जिनकी प्रजनन करने की उम्र बरकरार हो, और इस समस्या कि वजह से ही महिलाओं को कंसीव करने दिक्कत होती है। जबकि मेनोपॉज कि समस्या महिलाओं में अधिक उम्र होने की वजह से होता है, जैसे – 40 की उम्र के बाद महिलाएं मेनोपॉज के तरफ बढ़ने लगती है।
यह समझना कि क्या एमेनोरिया (कोई मासिक धर्म नहीं) वाली महिला प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर सकती है? तो इसके लिए आपको कुछ पहलुओं पर ध्यान देना होगा। जिसके बाद आप इस नतीजे पर पहुंच पायेंगे, और इसमें कई अंतर्निहित कारण भी शामिल हैं।
पहलु जैसे – प्रजनन क्षमता पर एमेनोरिया का प्रभाव, कंसीव करने में समस्या और उपचार के संभावित तरीकों की खोज जुड़े हैं।
पहले एमेनोरिया को समझते हैं(First let us understand amenorrhea)
एमेनोरिया को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया हैः प्राथमिक और माध्यमिक। और दोनों ही विभाजित एमेनोरिया आपको मासिक धर्म को लेकर अलग-अलग स्थिति के बारे में बताता है। और साथ में आपके लिए जरूरी हो जाता है कि एमेनोरिया के किस वजह से प्रजनन क्षमता प्रभावित हो रही है।
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प्राथमिक एमेनोरिया(Primary Amenorrhea) – इस तरह की एमेनोरिया की समस्या उन महिलाओं में पाई जाती है, जिनमें 15 वर्ष की उम्र तक कभी भी मासिक धर्म नहीं हुआ है। अक्सर इस तरह की समस्या आनुवंशिक, शारीरिक कमी या असंतुलित हार्मोन्स के कारण होता है। आपको बता दें कि असंतुलित हार्मोन्स आपको एमेनोरिया जैसी समस्या के साथ-साथ कई और समस्याओं का भागीदार बनाता है। और प्राकृतिक रुप से गर्भधारण न कर पाना उन्हीं समस्याओं में एक है।
माध्यामिक एमेनोरिया(Secondary Amenorrhea) – माध्यामिक एमेनोरिया के तहत उन महिलाओं को रखा जाता है जिनका पहले मासिक धर्म चक्र सामान्य रुप चल रहा था, लेकिन अचानक से बंद हो गया है और मासिक धर्म को बंद हुए 3 महीने या उससे ज्यादा समय हो गया हो। इस तरह कि समस्या गर्भावस्था के दौरान देखने के लिए मिलता है, लेकिन गर्भावस्था के लिए ऐसा होना जरूरी होता है। लेकिन गर्भावस्था को छोड़कर कई और कारण है, हार्मोनल असंतुलन, अत्यधिक वजन घटना या बढ़ना, अत्यधिक व्यायाम करना और तनाव जैसी समस्या शामिल है।
हार्मोन्स के कारण प्रजनन क्षमता का प्रभावित होना(Fertility affected due to hormones)
महिलाओं मे होने वाली मासिक धर्म चक्र के लिए एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच), और कूप-उत्तेजक हार्मोन (एफएसएच) जैसे कई हार्मोनों द्वारा एक जटिल परस्पर क्रिया से नियंत्रित होता है। ऐसे में आपका सवाल होता है कि ये हार्मोन्स प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करते हैं तो आपको बता दें कि ये हार्मोन ओव्यूलेशन के लिए महत्वपूर्ण हैं, और ओव्यूलेशन के दौरान ही अंडाशय से अंडे निकलते हैं।
ऐसे में अगर आप एमेनोरिया से पीड़ित हैं तो संतुलित हार्मोन्स के कारण ओव्यूलेशन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है, और इसी वजह से प्राकृतिक गर्भधारण मुश्किल या असंभव हो जाता है। जब अंडाशय से अंडे बाहर ही नहीं निकलेंगे तो फिर निषेचन की प्रक्रिया नहीं होगी। जब निषेचन प्रक्रिया नहीं होगी तो यह मुलतः बांझपन का कारण बनेगा और आपको गर्भधारण करने में समस्या होगी।
अगर आप भी बांझपन की समस्या का इलाज कराना चाहते हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF cost in Delhi) आपके लिए उचित रहेगा।
एनोव्यूलेशन और इसका प्रभाव (Anovulation and its effects)
ओव्यूलेशन के अनुपस्थित होने की स्थिति में एनोव्यूलेशन जगह ले लेता है, और एनोव्यूलेशन का प्रभाव भी आपको गर्भावस्था से दूर करता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि एनोव्यूलेशन को एमेनोरिया को सहायक कारक माना जाता है, और एनोव्यूलेशन कई समस्याओं का कारण भी बनता है। जैसे – पीसीओएस, थायरॉयड विकार और हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया जैसी जटिल स्थितियां एनोव्यूलेशन में योगदान प्रदान करते हैं। इनके अलावा तनाव, खाने के विकार और अवसाद जैसे कारण एनोव्यूलेशन को बढ़ावा देती है।
क्या एमेनोरिया वाली महिला प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर सकती है?(Can a woman with amenorrhea conceive naturally?)
इस सवाल का जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि एमेनोरिया ने किस चीज को और कितना प्रभावित किया है। या फिर गर्भधारण करने की क्षमता काफी हद तक उसकी स्थिति के अंतर्निहित कारणों पर आश्रीत है।
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संतुलित हार्मोन्स(Balanced hormones) – यदि एमेनोरिया से ग्रसीत होने के बाद भी अगर आप हार्मोन्स को संतुलित करने में सफल होती हैं, ओव्युलेशन को बहाल कर लेती हैं। तो इस बात की संभावना काफी ज्यादा है कि आप गर्भधारण करने में सफल हो सकती हैं। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना होगा क्योंकि ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर आपके लिए सही दवाओं की सलाह के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव के बारे में कहेंगे, जिससे एमेनोरिया से छुटकारा मिल सके।
प्रजनन उपचार विकल्प(Fertility treatment options) – एमेनोरिया के कारण अगर आप प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पा रही हैं तो प्रजनन उपचार विकल्प यानी एआरटी की सहायता ले सकते हैं। एआरटी में कई तरह के प्रजनन विकल्प मौजूद हैं जो बांझपन के विभिन्न स्थितियों के लिए प्रभावी साबित होता है। और एआरटी के सबसे सफल प्रजनन विकल्प में से एक है…आईवीएफ। आईवीएफ उपचार ने बांझपन के कई जटिल मामलों में असर दिखाया है और लोगों को संतानप्राप्ती का तोहफा दिया है। आपको बता दें कि एआरटी के तहत आने वाले प्रजनन उपचार विकल्प बांझपन, गर्भपात और निसंतानता जैसे मामलों के लिए ही जाना जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
एमेनोरिया के रहते हुए प्राकृतिक रूप से गर्भधारण मुमकिन है लेकिन यह कई शर्तों पर निर्भर करता है। शर्त जैसे – उम्र, आपका स्वास्थ्य और एमेनोरिया की समस्या कब से है। एमेनोरिया सीधे तौर पर बांझपन का कारण नहीं होता है, बस यह आपको प्रजनन अंगो को प्रभावित करता है जिसके वजह से बांझपन की समस्या उत्पन्न होती है। अगर आप एमेनोरिया के कारण गर्भधारण नहीं कर पा रहे हैं तो आपका प्रजनन उपचार विकल्प के बारे में सोचने की जरूरत है। इस विकल्प का इस्तेमाल करके भी आप निसंतानता को दूर करके मातृत्व को प्राप्त कर सकती हैं। आप भी एमेनोरिया के कारण निसंतानता से जुझ रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में आईवीएफ उपचार करवा सकते हैं।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1. यदि आपको एमेनोरिया है तो क्या गर्भवती होना संभव है?
उत्तर – एमेनोरिया के रहते हुए गर्भधारण मुमकिन है लेकिन उसके लिए कुछ कंडीशन होते हैं। एमेनोरिया मासिक धर्म चक्र और ओव्युलेशन को प्रभावित करता है, ऐसे में कुछ दवाओं का इस्तेमाल करके और जीवनशैली में बदलाव करके ओव्युलेशन को बहाल कर लेती हैं तो गर्भधारण मुमकिन हो सकता है। इसके अलावा आप आईवीएफ उपचार की सहायता ले सकती हैं।
प्र.2. क्या एमेनोरिया आपको स्थायी रूप से बांझ बना सकता है?
उत्तर- नहीं, एमेनोरिया को आप बांझपन का कारण नहीं कह सकते हैं और नाही यह स्थायी बांझपन का कारण है। एमेनोरिया मासिक धर्म चक्र और ओव्युलेशन को प्रभावित कर बांझपन का एक जरीया बनता है।
प्र.3. क्या आप बिना मासिक धर्म के गर्भवती हो सकती हैं?
उत्तर- हां, अगर आपने कभी मासिक धर्म चक्र को अनुभव नहीं किया हो लेकिन अगर आप संभोग करती हैं तो गर्भवती होना मुमकिन है। और ऐसा ओव्युलेशन के कारण होता है जो मासिक धर्म चक्र से पहले शुरु हो जाता है।
प्र.4. यदि मुझे मासिक धर्म नहीं आता तो क्या मै बांझ हूं?
उत्तर – आपको बता दें कि बांझपन की समस्या तब होती है जब आप गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। इसके अलावा बांझपन का कोई और परिभाषा नहीं है, बांझपन से पीड़ित महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म या फिर मासिक धर्म का न होना हो सकता है।
प्र.5. क्या एमेनोरिया ठीक हो सकता है?
उत्तर – एमेनोरिया के कुछ मामलों में दवाओं और हार्मोन थेरेपी से ठीक हो सकता है, जैसे – थायरॉइड या पिट्यूटरी विकारों के कारण होने वाले एमेनोरिया का इलाज दवाओं से किया जा सकता है।