गर्भावस्था के दौरान बच्चे की बुद्धि को विकसित करने वाले 10 कारक

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गर्भावस्था के दौरान आप अपने बच्चे को लेकर काफी जागरूक रहते हैं। अपने होने वाले बच्चे के लिए आप काफी प्लानिंग करते हैं, बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव के लिए अपने रूम में विभिन्न पोस्टर लगाते हैं। आपको बता दें कि मस्तिष्क का 80% विकास जीवन के पहले 2-3 वर्षों में पूरा हो जाता है। माता-पिता के तौर पर आपको समझने की आवश्यकता है कि जीवन की प्रारंभिक आयु की इस विशिष्ट अवधि का बच्चे के जीवन पर भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक रूप से दीर्घकालिक प्रभाव रहता है। अगर आप भी निसंतानता की समस्या से जुझ रहे हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ डॉक्टर (Best IVF Doctor in Delhi) से संपर्क कर सकते हैं।

आइए जानते हैं गर्भावस्था के दौरान बच्चे की बुद्धि को विकसित करने वाले 10 कारक।

गर्भ में बच्चे के मस्तिष्क का विकास काफी अहम मुद्दा है। ऐसा कहा जाता है कि बच्चे के मतिष्क का विकास और सुनने-समझने की शक्ति गर्भ में ही शुरू हो जाती है। इस बात का संदर्भ आपको महाभारत में अभिमन्यु की कहानी से जानने के लिए मिलता है। हालांकि, एक बात आपको जानने की जरूरत है कि बच्चे और बच्चे के मतिष्क का सही विकास के लिए पौष्टीक आहार का सेवन उचित पोषण, जीवनशैली में सही आदतें और प्रसवपूर्व देखभाल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।   

गर्भावस्था के दौरान बच्चे की बुद्धि को विकसित करने वाले 10 कारक

1. संतुलित आहार बनाए रखें (Maintain a balanced diet) – संतुलित आहार से मतलब है कि गर्भावस्था के दौरान आपको पौष्टीक आहार का सेवन करना है, ताकी आपके शरीर को उचित मात्रा में विटामिन, प्रोटीन और खनिज जैसे पोषक तत्व मिले। गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार आप के साथ-साथ आपके बच्चे के लिए फायदेमंद होता है, और इस तरह के पोषक तत्व बच्चे के मतिष्क के लिए जरूरी होता है।

2. प्रसवपूर्व विटामिन लें (Take prenatal vitamins) – प्रसवपूर्व विटामिन यह तय करता है कि आपको और आपके बच्चे को सही पोषक तत्व मिले, इन विटामिनों में फोलेट पाया जाता है जो आपके लिए बहुत आवश्यक होता है। यह न्यूरल ट्यूब दिक्कतों से बचाता है और मस्तिष्क के विकास में सहायक साबित होता है।

3. हाइड्रेटेड रहें (Stay hydrated) – विशेषज्ञों की माने तो एक सामान्य इंसान को एक दिन में लगभग 3 लीटर पानी पीना चाहिए, और गर्भावस्था के दौरान आपके लिए अहम हो जाता है कि आप हाइड्रेटेड रहें। पानी आपके बच्चे तक पोषक तत्व पहुंचाने में सहायक साबित होता है।

4. रोजाना व्यायाम करें (Exercise daily) – गर्भावस्था के दौरान आपको रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम आपके रक्त संचालन को बढ़ाता, साथ में आपको मानसिक और शारीरीक रूप से भी मजबूत बनाता है। अगर आपने आईवीएफ की मदद से गर्भधारण किया हो तो आपके लिए रोजाना व्यायाम बेहद जरूरी है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार गर्भवती महिलाओं को एक सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करना चाहिए।  

5. तनाव से दूर रहें (Stay away from stress) – ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान तनाव आपके गर्भावस्था और होने वाले बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप गर्भावस्था के दौरान तनाव से दूर रहें।

6. हानिकारक पदार्थों से बचें (Avoid harmful substances) – गर्भावस्था के दौरान आपको धूम्रपान और शराब के सेवन से दूर रहना होगा। अगर आप गर्भावस्था दौरान इस तरह के पदार्थ का सेवन करते हैं तो इसका असर आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके बच्चे पर भी प्रभाव डालता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप गर्भावस्था के दौरान इस तरह की पदार्थ का सेवन करती हैं तो मुमकिन है कि आगे चलकर आपका बच्चा भी इस तरह की आदतों को खुद में शुमार करेगा।

7. बच्चे से बात करें (Talk to the baby) – आपने अक्सर बॉलिवूड मुवीज में देखा होगा एक कपल गर्भ से बात कर रहा होता है। तो आपको बता दें कि ऐसा करने के पीछे वास्तविक विज्ञान है, बम्प से बात करने से मस्तिष्क के विकास को प्रोत्साहन मिलती है। आप इसे दो लोगों को बीच हो रही कम्युनिकेशन समझ सकते हैं, और इस तरह से बच्चा उन आवाज़ों को पहचानना सीखता है जो वह नियमित रूप से सुनने वाला है।

8. पर्याप्त नींद लें (Get enough sleep) – आप और आपके बच्चे के लिए बेहद जरूरी होता है कि आप पर्याप्त नींद लें और उचित आराम करें। आप रोजाना कम से कम 7-9 घंटे की नींद पूरी करें, इससे होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।

9. मछली और अंडे का सेवन करें (Consume fish and eggs) – ऐसा माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान मछली और अंडे का सेवन बच्चे के विकास के लिए मददगार होता है। सी फुड(Sea food) और सैल्मन मछलीयों में ओमेगा-3 फैटी एसिड मौजूद होते हैं, जो मस्तिष्क की विकास के लिए आवश्यक तत्व होती है। बात करें अंडो के सेवन की, तो आपको बता दें कि विटामिन ए, राइबोफ्लेविन, पैंटोथेनिक एसिड, विटामिन बी 12, फॉस्फोरस और कोलीन से भरपूर होते हैं। जो बच्चे के याददाश्त से लेकर तेजी से सिखने की प्रवृति में मदद करता है।

10. प्रसवपूर्व स्वास्थ्य की निगरानी करें (Monitor prenatal health) – बच्चे की विकास पर नजर बनाए रखने के लिए आपको नियमित रूप प्रसवपूर्व का जांच करवायें। इस तरह की जांच से होने वाली समस्याओं का शीघ्र पता चल जाता, ताकी समय के साथ उनका समाधान किया जा सके।

अगर आप संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ उपचार कराना चाहते हैं, तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए किफायती होगा।

निष्कर्ष(Conclusion)

गर्भावस्था के दौरान अपने बच्चे के मस्तिष्क विकास के बारे में सोचना और उसका देखभाल करना बच्चे के दीर्घकालिक कल्याण के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। पौष्टीक आहार का सेवन, प्रसवपूर्व विटामिन लेकर, हाइड्रेटेड रहकर, रोजाना व्यायाम करके, तनाव और हानिकारक पदार्थों से परहेज करके, बच्चे से बात करके, पर्याप्त नींद लेकर, मछली और अंडे का सेवन करके और प्रसवपूर्व स्वास्थ्य की निगरानी करके, आप अपने बच्चे के मस्तिष्क के विकास में मददगार साबित हो सकती हैं। 

याद रखें, जीवन के पहले 2-3 साल में 80% तक मस्तिष्क का विकास हो जाता है, इसलिए जल्दी शुरुआत करना और गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल करना महत्वपूर्ण है। अगर आप भी निसंतानता की समस्या से जुझ रहे हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ डॉक्टर (Best IVF Doctor in Delhi) से संपर्क कर सकते हैं।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. गर्भ में शिशु के मस्तिष्क को कैसे सुधारें?

उत्तर- गर्भ में शिशु के मस्तिष्क को बेहतर करने के लिए आपको कुछ कारकों पर काम करना होगा। कारकों को ऊपर उल्लेखित किया गया है:

प्र.2. बच्चे का आईक्यू लेवल कैसे बढ़ाएं?

उत्तर- बच्चे का आईक्यू लेवल को बढ़ाने के लिए आपको अपने बच्चे से बात करना होगा। इससे बच्चे की सुनने और समझने की शक्ति विकसित होगी।  

प्र.3. कौन सा भोजन शिशु के मस्तिष्क के विकास को बढ़ाता है?

उत्तर- ऐसे मामलों में पौष्टीक आहार के सेवन की सलाह दी जाती है, क्योंकि पौष्टीक आहार में आपको लगभग सही तरह के पोषक तत्व मिल जाते हैं। अगर आप कुछ विशेष भोजन की बात कर रहे हैं तो आप मछली और अंडे का सेवन भी कर सकते हैं।    

प्र.4. आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण कब शुरू होते हैं?

उत्तर- आमतौर पर, आपको गर्भावस्था से जुड़े लक्षण को पूरी तरह से सामने आने में 1 से 4 सप्ताह का समय लगता है। लेकिन कुछ लक्षण आपको पहले दो सप्ताह के दौरान देखने के लिए मिल जाएगा।  

प्र.5 भ्रूण स्थानांतरण के बाद कौन सा फल सर्वोत्तम है?

उत्तर- भ्रूण स्थानांतरण के बाद अपने आहार में शामिल करने के लिए केला एक बेहतरीन फल है। इनमें पोटेशियम और विटामिन बी6 होते हैं, जो आपकी आईवीएफ यात्रा और सफलता के लिए आवश्यक हैं।  

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